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PAK की मेहरबानी से आजाद हुआ आतंकी हाफिज सईद, रिहा होते ही भारत के खिलाफ उगला जहर

पिछली सुनवाई में लाहौर हाई कोर्ट ने सईद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की थी. जिसमें पंजाब सरकार ने सईद की नजरबंदी जन सुरक्षा कानून के तहत एक महीने और बढ़ाने की अपील की थी.

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जमात-उद दावा चीफ हाफिज सईद
जमात-उद दावा चीफ हाफिज सईद

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मुंबई आतंकी हमले के मास्टमाइंड और जमात-उद दावा के चीफ हाफिज सईद को बड़ी राहत मिली है. यहां के पंजाब न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने आतंकी हाफिज सईद को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद अब आतंक का ये आका खुली हवा में सांस लेगा.

न्यायिक समीक्षा बोर्ड के आदेश के बाद हाफिज सईद को रिहा कर दिया गया है. पिछले हफ्ते इस मसले पर सुनवाई के दौरान प्रांतीय सरकार ने हाफिज सईद की नजरबंदी तीन महीने बढ़ाने की मांग की थी. लेकिन बोर्ड ने इसे खारिज कर दिया.

बोर्ड ने कहा, 'अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है.' पिछले महीने बोर्ड ने सईद की हिरासत 30 दिनों के लिए बढ़ाने की इजाजत दी थी और यह मियाद 24 नवंबर को पूरी हो रही है.

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हाफिज सईद ने पंजाब के गृह विभाग की ओर से 24 अक्टूबर को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया कि सईद की नजरबंदी जन सुरक्षा कानून के तहत एक महीने के लिए और बढ़ाई जाए. 

जनवरी से हिरासत में

पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी को सईद और उसके चार सहयोगियों को 90 दिनों के लिए हिरासत में लिया था. सईद के साथ उसके साथी अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को हिरासत में लिया गया था. प्रांतीय सरकार ने लोक सुरक्षा कानून के तहत उन्हें हिरासत में लिया था. जिसके बाद उसकी मियाद बढ़ा दी गई थी. हालांकि, हाफिज के चारों साथियों को अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में छोड़ दिया गया था.

क्या बोला हाफिज सईद

नजरबंदी खत्म होने के बाद हाफिज सईद ने एक बार फिर अपने पुराने राग अलापे. उसने अपनी रिहाई को सभी को मुबारकबाद दी. साथ ही कहा कि कश्मीर आजाद होकर रहेगा और भारत मेरे पीछे पड़ा हुआ है.

सईद ने एक बयान में कहा, 'यह मेरा नहीं, बल्कि पाकिस्तान का मामला था. आज, भारत को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. यह इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान एक आजाद मुल्क है. मैं आपको बताता हूं, भारत मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता और कश्मीर को जल्द आजादी मिलेगी.'

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बोर्ड के फैसले से पहले संघीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी इसके समक्ष पेश हुए और सईद की नजरबंदी को जायज ठहराते हुए 'कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य' सौंपे. बहरहाल, बोर्ड ने इस अधिकारी की दलीलों को नहीं माना.

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