एडिशनल जज वाजिद अली खान ने पेशी में छूट की याचिका को खारिज कर दिया और कई बार के समन के बावजूद कोर्ट में उपस्थित न होने को लेकर एक गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. मामले की सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए मुल्तवी कर दी गई है.
गौरतलब है कि सैन्य कार्रवाई के दौरान मौलाना गाजी अब्दुल रशीद और उनकी पत्नी की हत्या के लिए पुलिस ने मुशर्रफ के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.
साल 1999-2008 के शासन काल में की गई कार्रवाई को लेकर मुशर्रफ पर कई मामले चल रहे हैं, उनमें से एक गाजी की हत्या का मामला है. इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद में 10 जुलाई, 2007 को सेना की कार्रवाई में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
मुशर्रफ कोर्ट पहुंचने में सक्षम हैं या नहीं, इसकी जांच के लिए सिंध सरकार द्वारा 11 सदस्यीय चिकित्सा समिति का गठन कर चुकी है. देश में साल 2007 में आपातकाल लगाने के लिए मुशर्रफ पर देशद्रोह का मुकदमा भी चल रहा है.
मुशर्रफ पर साल 2006 में मारे गए बलूच नेता नवाब अकबर बुगती और साल 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या का भी आरोप है.
- इनपुट IANS