अफगानिस्तान (Afghanistan) गए लश्कर (Lashkar) और जैश (Jaish) के आतंकी (Terrorist) POK के टेरर कैम्प में लौटे आए हैं. तालिबान की मदद के लिए अफगानिस्तान गए सैकड़ों आतंकी पाकिस्तान आते देखे गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पाक ISI की मदद से अफगानिस्तान गए लश्कर और जैश के आतंकी अब POK में मुज्जफराबाद के नज़दीक चेलाबन्दी में देखे जा रहे हैं.
इन जैश और लश्कर के आतंकियों की संख्या काफ़ी ज्यादा बताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक ISI की मदद से अफगानिस्तान से लौटे जैश और लश्कर के आतंकियों को 10 जगह ट्रेनिंग कैम्प में शिफ्ट किया गया है.बताया जा रहा है कि पीओके के जिन टेरर कैम्प में लश्कर और जैश के आतंकियों की ज्यादा मूवमेंट देखी जा रही है, उनमें बोई, मुज्जफराबाद, कोटली, बरनाला,लाका ए गैर, शेरपाई, देवलीन, खालिद बिन वालिद, गरही और दुपट्टा, कैम्प्स शामिल हैं.
अफगानिस्तान से वापस लौटे लश्कर और जैश के आतंकियों को इन 10 टेरर कैम्प में जाने को ISI ने कहा है. जानकारी के मुताबिक तालिबान के साथ अफगानिस्तान में कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान से गए लड़ाके POK में वापस आने लगे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान में तालिबान की मदद करने के लिए लश्कर और जैश ए मोहम्मद के करीब 8000 से ज्यादा आतंकी गए थे, जो एक बार फिर कंधार के रास्ते और स्पिन बोल्डक के रास्ते वापस पाक अधिकृत कश्मीर आने लगे हैं.
तालिबान की B टीम कैसे बना ISI
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा भले ही किया हो लेकिन इन सबके के पीछे पाक ISI और उसके लड़ाके थे. पाक ने सिर्फ आतंकियों के भेष में अपने कमांडर ही नहीं भेजे बल्कि लश्कर और जैश के आतंकी भी भेजे. इन सब की पहचान बदली हुई थीं. हाल ही में पाकिस्तान के जैश और लश्कर के आतंकी जो अफगानिस्तान की जेल में बंद थे, उनको तालिबान ने छोड़ दिया है. जैश के आतंकी अफगानिस्तान की जेल से छूटने के बाद सीधे POK पहुंचे है, जहां जैश के कमांडरों ने अफगानिस्तान की जेल से आये आतंकियों का बंदूकों और AK-47 की फायरिंग से स्वागत किया.