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हाफिज सईद के करीबी आतंकी की जेल में मौत, जानें 26/11 हमले में क्या था रोल?

भुट्टावी लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की शेखपुरा जेल में 2019 से बंद था. 29 मई को हाफिज की छाती में तेज दर्द हुआ और उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. 

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लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टावी की पाकिस्तान की एक जेल में मौत हो गई. टेरर फंडिंग मामले में वह जेल में बंद था. 

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वह प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी था. जमात उद दावा के एक अधिकारी ने बताया कि भुट्टावी लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की शेखपुरा जेल में 2019 से बंद था. 29 मई को हाफिज की छाती में तेज दर्द हुआ और उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. 

हाफिज को मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर में दफ्नाया गया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसकी जनाजे में बड़ी संख्या में समर्थक जुटे.

पंजाब सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि टेरर फंडिंग मामले में 2019 से ही कोट लखपत जेल में बंद हाफिज सईद ने भुट्टावी के जनाजे में शामिल होने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी. लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं दी गई. 

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बता दें कि लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में 2020 में भुट्टावी को 16 साल की कैद की सजा सुनाई थी. हाफिज सईद के करीबी भुट्टावी पर 2011 में अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने प्रतिबंध भी लगा दिए थे. 

मुंबई हमले में क्या थी भूमिका

भुट्टावी ने 2008 मुंबई हमलों को अंजाम देने के लिए लश्कर के आतंकियों की मदद की थी. उन्हें हर तरह की ट्रेनिंग भुट्टावी ने ही मुहैया कराई थी. वह एक बेहद खतरनाक आतंकी था. वह भारत में भी वांटेड था. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने 2011 में उस पर बैन लगाया था. इसके बाद 2012 में उसे संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल कर लिया गया था.

26 नवंबर 2008 की शाम पाकिस्तान के 10 आतंकी भारत में घुस आए थे. आतंकियों ने अलग-अलग जगह जाकर गोलियां बरसाई थीं. आतंकियों ने रेलवे स्टेशन, ताज होटल, ओबेरॉय होटल और चबाड हाउस जैसी जगहों को निशाना बनाया था. 26 नवंबर की रात 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुआ आतंक का तांडव 29 नवंबर की सुबह 7 बजे खत्म हुआ था.  2008 मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी. कई आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई. 

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