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इस अमेरिकी सैनिक का अफगानिस्तान की मिट्टी पर आखिरी कदम, प्लेन में चढ़ते ही मिशन खत्म

अफगानिस्तान में मिशन के खात्मे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि पिछले 17 दिनों से अफगान में फंसे नागरिकों को निकालने का काम जारी था.

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काबुल से लौटते अंतिम अमेरिकी सैनिक (फोटो- US रक्षा मंत्रालय)
काबुल से लौटते अंतिम अमेरिकी सैनिक (फोटो- US रक्षा मंत्रालय)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका का मिशन अफगानिस्तान पूरा
  • अमेरिका ने 120,000 लोगों को निकालने का दावा किया

हाथ में बंदूक, सिर हल्का झुका हुआ और एयरक्राफ्ट की तरफ बढ़ते कदम....इस तरह आखिरकार अफगानिस्तान में अमेरिका के लगभग 20 साल लम्बे मिशन का अंत हो गया. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जानकारी दी गई कि अफगानिस्तान से अब उसके सभी सैनिक लौट आए हैं और मिशन पूरी तरह खत्म हो गया है.

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अफगानिस्तान से आतंकवाद के खात्मे का प्रण लेकर अमेरिकी सेना 19 साल, 10 महीने और 10 दिन बाद आखिरकार देश को तालिबान के हवाले करके वापस लौटी. वापस लौटते अपने आखिरी जवान का फोटो खुद अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया.

काबुल में अमेरिका के मिशन का अंत हुआ - US रक्षा मंत्रालय

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा, 'अफगानिस्तान को छोड़ने वाले आखिरी अमेरिकी सैनिक. मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू 30 अगस्त को सी-17 एयरक्राफ्ट में लौटते हुए. इसके साथ ही काबुल में अमेरिका का मिशन खत्म हुआ.'

मिशन के खात्मे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि पिछले 17 दिनों से अफगान में फंसे नागरिकों को निकालने का काम जारी था. उन्होंने कहा, 'पिछले 17 दिनों में हमारे सैनिकों ने यूएस इतिहास का सबसे बड़ा एयरलिफ्ट मिशन चलाया. इसमें 120,000 लोगों को निकाला गया. इसमें अमेरिकी नागरिकों के साथ-साथ हमारे सहयोगियों के नागरिक, और संयुक्त राज्य अमेरिका के अफगान सहयोगी भी शामिल थे.'

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अफगानिस्तान में अब अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति भी नहीं है. इसे भी फिलहाल रद्द कर दिया गया है. इससे जुड़े कामों को दोहा या फिर कतर से किया जाएगा. अफगान के साथ राजनयिक संबंध बनाने के लिए दोहा की पोस्ट से बात की जाया करेगी. बताया गया है कि अमेरिका अब अफगान के लोगों की सीधी मदद नहीं करेगा, बल्कि यह काम स्वायत्त संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. इसमें UN एजेंसी और अन्य NGO शामिल हैं. अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि उनपर तालिबान या बाकी कोई रुकावट पैदा नहीं करेगा.

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