अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के बाद कहा कि अमेरिका एशिया से लेकर मध्य पूर्व तक विश्व के हर कोने में मजबूत गठबंधनों का आधार बना रहेगा.
ओबामा ने कहा, ‘हम हथियारों की ताकत और कानून के शासन के जरिये अपने लोगों का बचाव करेंगे और अपने मूल्यों का पालन करेंगे. हम अन्य देशों के साथ अपने मतभेदों को दूर करने के प्रयास का साहस दिखाएंगे. हम ऐसा इसलिए नहीं करेंगे कि हम खतरों को लेकर अंजान हैं बल्कि इसलिए करेंगे कि संबंध कायम करने से संदेह एवं भय दूर होते हैं.’
51 वर्षीय ओबामा ने कहा, ‘अमेरिका विश्व के हर कोने में मजबूत गंठबंधन का आधार बना रहेगा. हम उन संस्थाओं को मजबूत करेंगे जिनसे विदेश के संकटों को दूर करने की हमारी क्षमता का विस्तार होता है. दुनिया में शांतिपूर्ण विश्व के लिए किसी अन्य की इतनी बड़ी भूमिका नहीं हो सकती जितनी इस शक्तिशाली राष्ट्र की है.’
उन्होंने कहा, ‘हम एशिया से लेकर अफ्रीका तथा अमेरिका से लेकर मध्य पूर्व तक लोकतंत्र को सहयोग देंगे क्योंकि हमारे हित एवं हमारी अंतर आत्मा हमें मजबूर करती है कि हम स्वतंत्रता चाहने वालों की मदद करें.’ उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में यह बात कही.
ओबामा ने कहा, ‘हमें गरीबों, बीमारों, हाशिये पर गये लोगों, पूर्वाग्रह के शिकार बने व्यक्तियों की आशा का स्रोत बने रहना होगा. हमें यह काम महज परोपकार की भावना से नहीं बल्कि इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि हमारे समय में शांति के लिए यह जरूरी है. हमारे साझे मत के सिद्धांतों को लगातार आगे बढ़ाया जाना चाहिए जिनमें सहिष्णुता, अवसर, मानवीय गरिमा और न्याय शामिल हैं.’
राष्ट्रपति के इस भाषण में किसी विशिष्ट देश का नाम नहीं लिया गया. साथ ही अफगानिस्तान के युद्ध का उल्लेख नहीं किया गया जो 2014 में समाप्त होने वाला है. इसके अलावा अल कायदा को हराने सहित आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का भी जिक्र नहीं किया गया.
ओबामा ने कहा कि अमेरिकियों का अभी तक यह मानना है कि अमेरिकी नागरिक होने के नाते उनका दायित्व केवल अपने तक ही नहीं बल्कि पूरी मानवीयता के प्रति है. उन्होंने जलवायु बदलाव के प्रति अपने प्रयासों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, ‘हम जलवायु बदलाव के खतरे का जवाब देंगे. हम यह जानते हैं कि ऐसा नहीं करना हमारे बच्चों एवं भावी पीढ़ियों के साथ विश्वासघात होगा.’
ओबामा ने कहा, ‘स्थायी ऊर्जा स्रोतों का मार्ग लंबा और कई बार कठिन होता है. लेकिन अमेरिका इस परिवर्तन का विरोध नहीं कर सकता. हमें इस ओर बढ़ना होगा.’ शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर उनकी पत्नी मिशेल एवं उनकी दो पुत्रियां साशा और मालिया मौजूदा थीं.