Lebanon under Attack: हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद पूरे मीडिल ईस्ट में तनाव का माहौल है. इसके बाद हालात ये हैं कि कब इजरायल और ईरान के बीच जंग की शुरुआत हो जाए और जंग में कौन सा मुल्क किधर से कूद पड़े, ये कोई नहीं जानता. मामला कितना संगीन है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इजरायल के इस हमले के बाद खुद अपने ही मुल्क में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई किसी खुफि़या ठिकाने पर चले गए हैं. यानी खामेनेई को अपने ही देश में छुपा दिया गया है या यूं कहें कि उन्हें छुपना पड़ा है.
हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले जारी
उधर, इजरायल है कि नसरल्लाह की मौत के बाद उसके हमले रुक नहीं रहे. और इजरायली लड़ाकू विमानों का हिज्बुल्लाह के अलग-अलग ठिकानों पर हमले का सिलसिला अब भी जारी है. लेबनान में हुए पेजर और वॉकी टॉकी ब्लास्ट के सिलसिले को देखते हुए ईरानी फोर्स तक ने ऐसे डिवाइसेज से दूरी बना ली है. क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं इजरायली एजेंसियों ने उनके उपकरणों में भी सेंध ना लगा दें और ब्लास्ट की शुरुआत हो जाए.
ईरान जा रहे हैं रशियन पीएम
इस बीच खबर है कि अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने देश के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन को ईरान भेज रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजिस्कियान से होगी. वैसे तो ये मीटिंग यूरेशियन इकोनॉमिक फोरम के बैनर तले होने वाली है, जिसका ऊपरी तौर पर मकसद कुछ और है, लेकिन जंग के हालात के बीच रूस के पीएम का ईरान दौरा अपने-आप में काफी कुछ कहता है. और ये इस रस्साकशी में उसके ईरान के साथ खड़े होने का सबूत है.
ईरान की धमकी, इजरायल के तेवर
लेकिन इस खींचतान के बीच जिन दो ध्रुवों के बीच सबसे ज्यादा तनाव है, वो है ईरान और इजरायल. इजरायल पहले ही हमास, हिज्बुल्लाह और हुती लड़ाकों से लड़ रहा है, लेकिन इस बीच ईरान ने भी उस पर हमले की धमकी दी है, जिसके बाद इज़रायल ने अपने तेवर और भी तीखे कर लिए हैं. इज़रायल ने कहा है कि कोई भी उसे अपनी आत्मरक्षा के अधिकार से नहीं रोक सकता है.
हालांकि इस बीच खबर है कि इजरायल ने अमेरिका से ईरान को ये आगाह करने के लिए कहा है कि वो उन पर हमले की गलती ना करे. क्योंकि ऐसा करने का सीधा सा मतलब यही है कि मिडिल ईस्ट में दोनों ताकतवर मुल्कों के बीच एक नई और सीधी जंग की शुरुआत हो जाना. जिसे इस पूरे इलाके में बड़े पैमाने पर तबाही तय है.
हिज्बुल्लाह के डिप्टी चीफ की चेतावनी
उधर, हसन नसरल्लाह की मौत के बावजूद हिज्बुल्लाह ने इजरायल को देख लेने की बात कही है. संगठन के डिप्टी चीफ नई कासिम ने कहा है कि अगर इजरायल ने लेबनान में घुसने की कोशिश की, तो उसके लड़ाके इज़रायली फौज का मुंह तोड़ जवाब देंगे. दूसरी ओर आईडीएफ ने कहा है कि नसरल्लाह के खात्मे के बावजूद अभी वो रुकेगा नहीं, बल्कि उसके हमले और तेज होंगे.
ऐसे पूरा हुआ ऑपरेशन न्यू ऑर्डर
आपको बता दें कि 28 सितंबर की दोपहर करीब 12.30 बजे इज़रायली खुफिया एजेंसियों को अब तक की सबसे अहम और सबसे खुफिया जानकारी मिली थी. जिसे इज़रायली डिफेंस फोर्स यानी आईडीएफ तक पहुंचा दिया गया था. यूएन के दौरे पर गए इज़रायल के प्रधानमंत्री बेजांमिन नेतन्याहू को आनन-फानन में नसरल्लाह को लेकर आए इस नए इनपुट के बारे में इत्तिला दी गई. उधर, से हरी-झंडी मिली और इधर आईडीएफ ने एक नए ऑपरेशन की शुरुआत की, जिसे नाम दिया गया - ऑपरेशन न्यू ऑर्डर.
एफ-35 और एफ-15आई फाइटर जेट्स से हमला
आनन-फानन में इज़रायली एयरफोर्स के एफ-35 और एफ-15आई जैसे ख़ौफ़नाक फाइटर जेट्स के बेड़े को तैयार किया गया. ये लड़ाकू विमान बंकर बस्टर बम जैसे भारी-भरकम हथियारों के साथ उड़ान भरने और सटीक मार करने की ताकत रखते हैं. इधर, कमांडर का इशारा मिला और उधर देखते ही देखते अगले चंद मिनटों के अंदर वो खबर सामने आई, जिसने हर किसी को चौंका दिया. वो खबर थी कि बेरूत में मौजूद हिज्बुल्लाह के ठिकाने पर ताबड़तोड़ बमबारी में हिज़्बुल्लाह का सबसे बड़ा नाम हसन नसरल्लाह मारा गया.