पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऑडियो लीक केस में पाकिस्तान की सरकार के मंत्रिमंडल ने इमरान खान के खिलाफ औपचारिक रूप से कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है. इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है.
समिति ने इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है. वहीं, कैबिनेट समिति ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. जिसके राष्ट्रीय हितों के लिए गंभीर निहितार्थ हैं. इस मामले में कानूनी कार्रवाई बेहद जरूरी है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक कैबिनेट ने रविवार को सर्कुलेशन के जरिए इसे मंजूरी दी. जांच एजेंसी को अमेरिकी साइबर और ऑडियो की जांच का काम सौंपा जाएगा. दरअसल, 2 ऑडियो लीक हुए थे. उमसें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान, पूर्व मंत्री असद उमर और तत्कालीन प्रमुख सचिव आजम खान को कथित तौर पर एक बैठक में अमेरिकी साइबर पर चर्चा करते हुए और अपने हित में इसका इस्तेमाल करते हुए सुना जा सकता था.
इमरान खान ने अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू पर अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद को धमकी देने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि उनकी सरकार गिराने में जो साजिश रची गई थी उमसें लू केंद्रीय भूमिका में थे.
इमरान खान को अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल में सत्ता से बाहर कर दिया गया था. जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान को लेकर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण उन्हें निशाना बनाया गया है. इस साजिश में अमेरिका ने अगुवाई की थी.
वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की नेता मरियम नवाज शरीफ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार इमरान खान को गिरफ्तार करने में असफल रही है. मरियम नवाज ने सरकार से अपील की कि इमरान खान के बानी गाला स्थित आवास पर छापेमारी की जाए, ताकि अहम सबूत हासिल किए जा सकें. मरियम ने कहा कि इमरान ने जो किया है, इसके बाद उनकी गिरफ्तारी जरूरी है.
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