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बांग्लादेश में समलैंगिक मैगजीन के संपादक और उनके दोस्त का बेहरमी से कत्ल

बांग्लादेश के पहले समलैंगिक मैगजीन के संपादक और उसके दोस्त की सोमवार शाम को संदिग्ध इस्लामिक आतिवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी. बांग्लादेश में ब्लॉगर्स और बुद्धिजीवियों पर लगातार हो रहे हमलों की कड़ी में यह ताजा घटना है.

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समलैंगिकों के अधिकारों के लिए सक्रिय थे मन्नान
समलैंगिकों के अधिकारों के लिए सक्रिय थे मन्नान

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बांग्लादेश के पहले समलैंगिक मैगजीन के संपादक और उसके दोस्त की सोमवार शाम को संदिग्ध इस्लामिक आतिवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी. बांग्लादेश में ब्लॉगर्स और बुद्धिजीवियों पर लगातार हो रहे हमलों की कड़ी में यह ताजा घटना है.

कूरियर वाले बनकर पहुंचे थे तीन हमलावर
रमना डिविजन पुलिस के उपायुक्त अब्दुल बातेन ने बताया कि बांग्लादेश में समलैंगिकों के अधिकारों का समर्थन करने वाली एकमात्र पत्रिका ‘रूपबान’ के संपादक जुल्हाश मन्नान और उनके दोस्त तनय मजूमदार की हथियारबंद हमलावरों ने हत्या कर दी. हमलावरों ने उनके फ्लैट में दाखिल होने के लिए कूरियर कंपनी के अधिकारी का रूप बनाया था.

पूर्व विदेश मंत्री के रिश्तेदार थे मन्नान
35 साल के मन्नान पूर्व विदेश मंत्री दीपू मोनी के रिश्ते में भाई लगते हैं. अमेरिकी दूतावास के पूर्व प्रोटोकोल अधिकारी रह चुके मन्नान समलैंगिक अधिकारों से जुड़ी सक्रियता के लिए जाने जाते थे. तनय भी समलैंगिक अधिकारों के लिए सक्रिय रहने वाले कार्यकर्ता थे.

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मन्नान के घर जबरन पहुंचे हमलावर
कलाबगान स्थित उनके घर के सुरक्षा गार्ड 18 साल के परवेज मुल्ला ने कहा कि शाम में तीन लोग उनके पास आए. उन्होंने दावा किया कि उनके पास मन्नान के लिए कूरियर है. गार्ड ने कहा कि जब मैं मन्नान के पास गया और उनसे यह बात कही तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पार्सल का इंतजार नहीं है. जब मैं वापस लौटा और उनकी बात बताई तो उन सबने ने इस बात के लिए दबाव बनाया कि मैं उन्हें मन्नान से मिलने दूं.

रोकने पर गार्ड को भी किया घायल
इसके बाद गार्ड ने उनका विरोध किया तो हमलावरों ने उस पर धारदार हथियार से वार कर घायल कर दिया. पुलिस की विशेष शाखा के उपनिरीक्षक अब्दुल बारी ने बताया कि तब हमलावर मन्नान के फ्लैट पर गए और उन्हें और उनके दोस्त पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किया. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

दो दिन पहले एक प्रोफेसर की हत्या
दो दिन पहले ही एक विश्वविद्यालय के उदारवादी प्रोफेसर रिजाउल करीम सिद्दिकी की नृशंस हत्या कर दी गई थी. कुख्यात आंतकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने उसकी जिम्मेदारी ली थी.

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