
...एक तरह से देखा जाए तो दुनिया में सोना यानी गोल्ड (Gold) की चमक के आगे हर कुछ फीका है. इस धरती पर सोने के अलावा शायद ही कोई और ऐसी चीज हो जिसकी दीवानगी पूरी दुनिया में एक जैसी हो. वैज्ञानिकों और इतिहासकारों का मानना है कि सोना धरती पर खोजी गई सबसे पुरानी धातुओं में से एक है.
इसकी खोज करीब 5,000 साल पहले हुई मानी जाती है. तब से अब तक चाहे राजा-महाराजाओं का युग रहा हो या आज का वर्तमान युग, सोने की चमक ना तो कभी फीकी पड़ी और ना ही भविष्य में पड़ने की कोई आशंका है. खासकर भारत में तो सोने के आभूषणों को लेकर लोगों में खास ही आकर्षण है.
अमेरिका-चीन-भारत-ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों में सोने के बड़े-बड़े भंडार हैं लेकिन क्या आपको पता है कि गोल्ड सिटी ऑफ वर्ल्ड किसे कहा जाता है? गोल्ड सिटी ऑफ वर्ल्ड का तमगा हासिल है दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर को. जहा स्थित है सोने का सबसे बड़ा और गहरा भंडार विटवाटरसैंड माइंस. एक अनुमान के अनुसार विटवाटरसैंड खान दक्षिण अफ्रीका के गौटेंग प्रांत में स्थित है जहां का सबसे बड़ा शहर जोहान्सबर्ग है.
यहां के विशाल गोल्ड भंडार ने दुनिया के कुल सोने के उत्पादन का 40 प्रतिशत से अधिक उत्पादन किया है. कहा जाता है कि पहाड़ियों पर स्थित जोहान्सबर्ग शहर को बसाया ही गया था सोने के खानों की खुदाई के हिसाब से.
कितना बड़ा है सोने का भंडार?
विटवाटरसैंड के गोल्ड माइंस की गहराई 3000 मीटर तक जमीन के अंदर है. यहां 82 मिलियन औंस से भी अधिक सोने के भंडार का अनुमान है. यहां पिछले 61 साल से सोने का खनन हो रहा है यानी साल 1961 से और जिसके अगले 70 सालों तक सोने के उत्पादन लायक होने का खनन कंपनी को अनुमान है यानी साल 2092 तक. साल 2017 में यहां से 281,300 औंस और साल 2018 में यहां से 157,100 औंस सोने का उत्पादन हुआ. यह खान यूरेनियम का भी एक बड़ा स्रोत है. यहां के पांच प्रमुख गोल्ड माइंस हैं- Kloof Gold Mine, Driefontein Gold Mine, South Deep Gold Mine, Impala Mine और Tshepong Mine.
यहां के आम लोगों की जिंदगी कैसी है?
सोने की चमक-दमक के बीच यहां के आम लोगों की जिंदगी काफी अलग है. गौटेंग प्रांत जिसका हिस्सा है जोहान्सबर्ग जमीन के हिसाब से दक्षिण अफ्रीका के सबसे छोटे प्रांतों में है यानी केवल 1.5 फीसदी जमीन. लेकिन यहां की आबादी काफी अधिक है. देश की 26 फीसदी आबादी यानी एक करोड़ 60 लाख लोगों का ये घर है. अब ये सोने का सम्मोहन है या क्या? ये स्थानीय हालात को देखने के बाद आप खुद समझ जाएंगे. इस प्रांत का मुख्य केंद्र है दुनिया के बड़े शहरों में गिना जाने वाला जोहान्सबर्ग शहर. यह काफी हद तक शहरीकृत हो गया इलाका है. आज यह शहर न केवल दक्षिण अफ्रीका का व्यापारिक केंद्र बन चुका है बल्कि इसे पूरे अफ्रीका महाद्वीप का केंद्र कहें तो गलत नहीं होगा.
दूर-दूर तक फैला है गोल्ड माइंस का इलाका
यह इलाका Vaal नदी के किनारे बसा है और किसी भी और देश की सीमा से दूर एक लैंडलॉक्ड इलाका है. यहां की पहाड़ियां और सूखा मौसम आम तौर पर इसे लोगों के रहने के लिए मुश्किल इलाका बना देता है लेकिन सोने की खानों में रोजगार की संभावनाएं और व्यापारिक अवसर लोगों को यहां खींच लाता है. गोल्ड माइंस का इलाका विटवाटरसैंड गौटेंग के साउथ का इलाका है और 120 किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है. समंदर तट से 1700 मीटर ऊंचाई पर स्थित जोहान्सबर्ग शहर में मौसम वैसे तो ठंढा ही रहता है. लेकिन कई बार यहां होने वाली बर्फबारी मौसम को खुशनुमा बना देती है.
गोल्ड सिटी के बसने की कहानी भी कम रोचक नहीं
गोल्ड सिटी जोहान्सबर्ग के बसने की कहानी कम रोचक नहीं है. 19वीं सदी के आखिर में जब सोने का खनन इस इलाके में शुरू हुआ तो ये शहर बसा. बाकी शहरों की तरह जलस्रोतों के किनारे बसने की बजाय इसे सोने के खनन के लिहाज से बसाया गया. आज जोहान्सबर्ग शहर की आबादी 50 लाख के आसपास है. सोने के खनन के काम के लिए दुनियाभर से कामगार यहां आते हैं और बस रहे हैं. इसलिए यहां की संस्कृति में भी काफी विविधता देखने को मिलती है.
यहां की सड़कों पर आपको अफ्रीकी कुजिन से लेकर एशियाई और यहां तक कि यूरोपीय टेस्ट का जायका भी लेने को मिल जाएगा. यहां पर सरकार ने टिंबर के 60 लाख पेड़ लगाकर फॉरेस्ट सिटी जैसा रूप दे दिया है. इस कारण इसे दुनिया के सबसे ज्यादा wooded citi के रूप में भी जाना जाता है. यहां के गोल्ड खानों पर पहले यूरोपीय कारोबारियों का राज था लेकिन समय के साथ एशिया और अरब का प्रभाव भी यहां तेजी से बढ़ा है.
क्रिमिनल सिंडिकेट भी कम नहीं
यहां के जंगलों और पहाड़ों में सोने की अवैध खुदाई के लिए एशिया-अफ्रीका के देशों से अवैध रूप में मजदूर भी लाए जाते हैं जो अंधेरी सुरंगों में रैंडलॉर्ड्स द्वारा सोने को पाने की उम्मीद में अवैध खनन के काम में लगाए जाते हैं. कई बार अवैध क्रिमिनल सिंडिंकेट कई-कई किलोमीटर तक सुरंगे खुदवा देते हैं सोने की खान तक पहुंचने के लिए. इसे लेकर कई बार हिंसक झड़प, गोलीबारी की घटनाएं भी सामने आती हैं.
एक अनुमान के मुताबिक, इन इलाकों में 6000 से अधिक ऐसे माइंस भी हैं जो या तो इस्तेमाल के बाद छोड़ दी गई हैं या दूर-दराज और अलग इलाकों में फैली हैं और छोटी-छोटी खदानों के रूप में हैं. इन पर कब्जे के लिए क्रिमिनल सिंडिकेट्स के बीच हिंसक झड़पें लगातार होती हैं. लेकिन, इन सबके बावजूद यहां रह रही 50 लाख लोगों की आबादी के रोजगार की सबसे बड़ी उम्मीद भी इन्हीं गोल्ड माइंस से लगी हुई है. बड़ी संख्या में यहां लोगों के आते जाने से जहां हाउसिंग सेक्टर में शॉर्टेज है वहीं बेरोजगारी दर भी 29 फीसदी तक पहुंच गया.
साउथ अफ्रीकन ह्यूमैन राइट्स कमीशन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 तक यहां 30 हजार से अधिक जमा-जमा यानी अवैध खनन में लगे माइग्रेंट लोग एक्टिव हैं. जिनमें से अधिकांश जोहान्सबर्ग शहर के आसपास के इलाकों में स्थित गोल्ड माइंस के आसपास एक्टिव हैं. इनमें से 75 फीसदी प्रवासी मजदूर हैं जो बिना दस्तावेजों के अफ्रीका या एशिया के दूसरे देशों से अवैध तरीके से लाए गए हैं.
दुनियाभर में और भारत में सोने का भंडार
सोने का जादू दुनिया के हर इलाके में एक जैसा है. अगर अंटार्किका को छोड़ दें तो गोल्ड माइंस दुनिया के बाकी हर महाद्वीप में हैं. ये गोल्ड माइंस न केवल पहाड़ों और पठारों में जमीन के नीचे हैं बल्कि सागर के नीचे के इलाकों में भी दुनियाभर में कई जगहों पर पाए जाते हैं. भारत में केजीएफ यानी कोलार गोल्ड फील्ड्स सबसे पॉपुलर है. भारत में सोने का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक में होता है- कोलार ,हुट्टी और उटी नामक खानों से.
माना जाता है कि कर्नाटक में करीब 17 लाख टन सोने के अयस्क का भंडार है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश और झारखंड के हीराबुद्दीनी और केंदरूकोचा की खानों से भी सोना निकलता है. आंध्रप्रदेश, झारखंड, केरल और मध्य प्रदेश के पन्ना में भी सोने और हीरे की खान हैं. लेकिन इसके बावजूद भारी डिमांड को देखते हुए भारत में बड़े पैमाने पर सोने का आयात बाहर से होता है. अवैध तस्करी के जरिए भी कई देशों से सोना लाने की गतिविधियों पर तमाम कोशिशों के बावजूद कंट्रोल नहीं किया जा सका है.
सोना आमतौर पर या तो अकेले या पारे या सिल्वर के साथ मिश्र धातु के रूप में पाया जाता है और रिफाइन करके इसे आभूषण बनाने में इस्तेमाल लायक बनाया जाता है. अफ्रीका में मिले सोने को रिफाइन करने की इंडस्ट्री के कारण दुबई शहर आज दुनिया का गोल्ड हब बन चुका है और वहां से बहुत सस्ते में दुनियाभर के लोग गोल्ड खरीदकर लाते हैं.