नेपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान की तुलना पूर्व राजा वीरेंद्र से की जाती है. इसी वजह से नेपाल में सार्क सम्मेलन के दौरान मोदी के धार्मिक स्थलों पर न जाने के ऐलान की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा है. नेपाल की जनता इस बाबत सरकार के प्रति विरोध प्रदर्शन कर रही है.
मोदी ने नेपाल दौरे के दौरान पशुपतिनाथ मंदिर जाकर दर्शन किए थे और नेपाल की संसद से सार्क सम्मेलन के दौरान जनकपुर और लुम्बनी आने का वादा किया था. लेकिन मोदी अब व्यस्त कार्यक्रम की वजह से जनकपुर और लुम्बनी नहीं जा रहे हैं. जनकपुर में मोदी के स्वागत का जिम्मा मंत्री विमलेंध निधि को दिया गया था. विमलेंध ने 20 नवंबर को मोदी के जनकपुर और लुम्बनी दौरे रद्द करने की बात कही, जिसके बाद से नेपाल के स्थानीय लोगों में गुस्सा है.
रविवार को धार्मिक नगरी जनकपुर में मोदी के न जाने के ऐलान से मोदी के समर्थन में लोग सड़कों पर उतरकर नेपाल सरकार की जम कर आलोचना कर रहे हैं.कार्यक्रम रद्द होने को लेकर नेपाली लोग सारा दोष नेपाल सरकार पर लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारी प्रदीप यादव ने बताया कि मोदी यहां आते तो यहां का विकास होता जबकि नेपाली सरकार एक षडयंत्र के तहत मोदी को यहां आने नहीं दिया गया.