
लंदन शहर अपने कोस्मोपोलिटिन मिजाज के लिए जाना जाता है. Cosmopolitan यानी वैसा शहर जहां कई संस्कृतियों, धर्मों, क्षेत्रों और नस्लों के लोग रहते हैं. उदाहरण के लिए, मुंबई या दिल्ली जैसे शहरों को भी कोस्मोपोलिटिन कहा जा सकता है क्योंकि यहां अलग अलग संस्कृतियों और समुदायों के लोग रहते हैं.
पिछले कुछ समय से चल रहे एक विवाद ने लंदन शहर की इस पहचान पर संकट पैदा कर दिया है. ये विवाद है ग्रूमिंग गैंग का.
हम आपको सबसे पहले बताते हैं कि ग्रूमिंग गैंग है क्या?
दरअसल ग्रूमिंग गैंग एक प्रकार का अपराधिक गिरोह है जो लड़कियों को अपना शिकार बनाता है. ये समूह आमतौर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे कि सोशल मीडिया, गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और चैट रूम्स का उपयोग करके अपने टारगेट को आकर्षित करते हैं.
ग्रूमिंग गैंग में शामिल अपराधी आमतौर पर अपने शिकार को धोखा देने और उन्हें अपने कंट्रोल करने के लिए मनिपुलेशन और धमकी का उपयोग करते हैं. वे अपने शिकार को अक्सर अश्लील सामग्री भेजते हैं और उन्हें अपनी अश्लील तस्वीरें और वीडियो भेजने के लिए मजबूर करते हैं.
एक बार इनके चंगुल में फंसने पर लड़कियों का बाहर निकला मुश्किल हो जाता है.
ग्रूमिंग गैंग के शातिर इन लड़कियों को शराब, गांजा और ड्रग्स की लत लगाते हैं ताकि वे नशे में रहे और गैंग मेंबर्स की बात मानती रहे. ट्रांस अवस्था में रह रही ये लड़कियां समझ ही नहीं पाती हैं कि उनका यौन शोषण हो रहा है. इस अवस्था में से कई लड़कियां मानव तस्करी का भी शिकार हुईं हैं. कुछ लड़कियां प्रेग्नेंट हुईं और उन्हें अबॉर्शन भी कराना पड़ा. इस पूरे आपराधिक टर्म को ग्रूमिंग गैंग कहा जाता है.
ग्रूमिंग गैंग में कौन कौन शामिल है?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के गृह विभाग ने 2020 में मौजूद आंकड़ों के अध्ययन के लिए एक कमीशन का गठन किया.
Prison for Starmer https://t.co/6RxIyGnYkG
— Elon Musk (@elonmusk) January 6, 2025
इस कमीशन ने पाया कि बच्चों का यौन शोषण कर रहे ज्यादातर अपराधी श्वेत थे. कुछ अध्ययनों से ये भी पता चला कि इस अपराध में जनसंख्या के अनुपात में अश्वेत और एशियाई अपराधी ज्यादा शामिल हैं.
लेकिन ये डाटा पूरा नहीं था.
2015 के एक पिछले शोध में पाया गया कि "ग्रूप और गिरोह-आधारित बाल यौन शोषण" के 1,231 अपराधियों में से 42% श्वेत थे, 14% को एशियाई या एशियाई ब्रिटिश और 17% अश्वेत थे. समस्या यह है कि डेटा 40 से अधिक पुलिस बलों में से केवल 19 से है और लगभग एक दशक पुराना है.
हालांकि ब्रिटेन में अपराधियों की पहचान को निर्धारित करने को लेकर कई समस्याएं है.
‘पाकिस्तानी पुरुषों का गैंग’
साल 2023 में जब सुएला ब्रेवरमैन ब्रिटेन की गृह मंत्री थीं तब उनके एक बयान की खूब चर्चा हुई थी. सुएला ने कहा था कि ‘पाकिस्तान पुरुषों का गैंग’ श्वेत लड़कियों को निशाना बना रहा है. सुएला ने आरोप था कि ब्रिटिश-पाकिस्तानी पुरुष लड़कियों को ड्रग्स देते हैं, उनका रेप करते हैं.
सुएला ने दावा किया था कि ज्यादातर आरोपी ब्रिटिश-पाकिस्तानी पुरुष हैं. उन्होंने कहा था कि अधिकारी ऐसे मामलों में आंखें बंद कर लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने कार्रवाई की तो वे 'नस्लभेदी' ठहरा दिये जाएंगे.
The Telegraph did a very thorough summary of what has been happening in the UK (linked below).
— Insurrection Barbie (@DefiyantlyFree) January 6, 2025
As hard as it is to read this passage, I urge everyone to read it.
This is what was being covered by up the British government.
I had heard about this years ago but never did I get… pic.twitter.com/PU8dpI7Mf9
सुएला अपने बयान की वजह से विपक्ष के निशाने पर आ गईं. यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के चांसलर नाजिर अफजल ने कहा कि "गृह मंत्रालय की 2020 की रिसर्च है- 'ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूज के मामलों के लिए कोई एक खास वर्ग जिम्मेदार है.' सुएला जानती हैं कि 84 फीसदी बच्चियों के यौन अपराधी श्वेत ब्रिटिश हैं, लेकिन वो उन पर फोकस कर रही हैं जो जिम्मेदार नहीं हैं."
सुएला के आरोपों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा था कि 'ग्रूमिंग गैंग' को खत्म करने के लिए जो भी संभव होगा, वो सरकार करेगी.
1400 लड़कियां हुई शिकार
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में एक रिपोर्ट जारी हुई थी. इसमें बताया गया था कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर, रोशडेल और ब्रिस्टल में 1997 से 2013 के बीच कम से कम 1400 नाबालिग बच्चियों को यौन शोषण की शिकार बनाया गया था. इस केस के आरोपियों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी मूल के लोग थे.
अभी चर्चा में क्यों है ग्रूमिंग गैंग
दरअसल ब्रिटेन के कई शहरों में ग्रूमिंग गैंग के छिटपुट केस सामने आते रहे हैं. यूके का ओल्डहैम ऐसा ही एक इलाका है. इस इलाके में यौन शोषण की जांच की मांग को ब्रिटेन की सेफगार्डिंग मंत्री जेस फिलिप्स ने ठुकरा दिया. इस पर ब्रिटेन में बवाल हो गया.
इस बीच इस विवाद में अमेरिकी अरबपति और एक्स के मालिक एलन मस्क, हैरी पॉटर की लेखिका जेके राउलिंग और ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रज की एंट्री हो गई. इन शख्सियतों ने यौन शोषण मामलों में ब्रिटिश सरकार से सवाल पूछा है और जवाबदेही की मांग की है.
एलन मस्क का ब्रिटिश पीएम पर सीधा आरोप
मस्क ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जेस फिलिप्स पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्हें जेल भेजना चाहिए. मस्क ने इस मामले में ब्रिटेन के पीएम कीर स्टॉर्मर पर भी अटैक किया.
मस्क ने कहा कि ब्रिटेन में बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में पुलिस को मुकदमा चलाने के लिए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPC) की आवश्यकता होती है. 2008 से 2013 के बीच CPC का चीफ कौन था जब कई गैंग को बिना न्याय का सामना किए लड़कियों का यौन शोषण करने की अनुमति दी गई. ये कीर स्टॉर्मर थे. अभी जेस फिलिप्स का बॉस कौन है कीर स्टॉर्मर. इसलिए जेस फिलिप्स जांच की अनुमति नहीं दे रहे हैं क्योंकि जांच होगी तो आंच पीएम कीर स्टॉर्मर पर ही आएगी.
टेस्ला चीफ एलन मस्क ने तो ब्रिटिश किंग चार्ल्स से संसद को ही भंग करने की अपील की है, ताकि पीड़ितों को इंसाफ मिल सके.
स्टॉर्मर को जेल भेज जाना चाहिए
मस्क ने अपने X हैंडल से कई ऐसे मामलों को पोस्ट किया है जहां पाकिस्तान में जन्मे युवकों ने ब्रिटिश लड़कियों का यौन शोषण किया. मस्क ने इन लड़कियों के लिए इंसाफ की मांग की है.
ब्रिटेन में सोशल मीडिया इस घटनाक्रम को प्रमुखता से कवर कर रहा है. Radio Genoa नाम के एक एक्स हैंडल ने लिखा है कि एक व्यक्ति ने तीन लड़कियों की हत्या कर दी लेकिन कीर स्टॉर्मर के लिए समस्या इस्लामोफोबिया है. इस ट्वीट पर एलन मस्क ने लिखा है कि स्टॉर्मर को जेल भेज जाना चाहिए.
इस मसले पर लेखिका जेके रोलिंग ने भी अपने ट्वीट से लोगों का ध्यान खीचा है. उन्होंने कहा है कि रोदरहैम रेप के बारे में जो जानकारियां आ रही हैं वो चौंकाने वाली हैं. इस मामले में पुलिस की ओर से भ्रष्ट रवैया अपनाना तो यकीन करने जैसा नहीं है. उन्होंने इस केस को ग्रूमिंग गैंग कहने पर भी आपत्ति जताई है. रोलिंग ने कहा है कि ये तो वैसा है जैसे जो लोग चाकुओं से हत्या करते हैं उन्हें चाकूओं का मालिक कहा जाए.
ब्रिटेन की लेबर सरकार का भी पक्ष जानिए
हालांकि ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी ने मस्क के दावों को गलत बताया है. हेल्थ सेक्रेटरी वेस स्ट्रीटिंग ने कहा कि मस्क ने ब्रिटेन सरकार को गलत समझा है. और उनकी ओर से दी जा रही सूचनाएं गलत है. स्ट्रीटिंग ने कहा कि मस्क को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इस गंभीर मुद्दे से निपटाने में हमारी सहायता करनी चाहिए.