पोप फ्रांसिस ने बुधवार को एक भावपूर्ण दलील देते हुए पुरुषों और महिलाओं के बीच वेतन के अंतर को खत्म करने कहा. उन्होंने इसे 'स्कैंडल' कहा और ईसाईयों को इसे नकारने की सलाह दी.
सेंट पीटर्स स्क्वेयर में अपने 10 हजार अनुयायियों के सामने पोप ने कहा, 'ऐसा क्यों मान लिया गया है कि महिलाएं पुरुषों से कम ही कमाएंगी? नहीं, उन्हें समान अधिकार हैं. विसंगति एक स्कैंडल है.'
उन्होंने लोगों से कहा कि ईसाईयों को 'समान कार्य के लिए समान वेतन' को समर्थन करना चाहिए. फ्रांसिस ने कहा कि वह दुनियाभर के रोमन कैथोलिक चर्च और वेटिकन नौकरशाही में महिलाओं को महान भूमिका में देखना चाहते हैं, लेकिन महिलाओं के पादरी बनने के सभी रास्ते बंद हैं.
चर्च सिखाता है कि महिलाएं पादरी नहीं बन सकती क्योंकि ईसा मसीह ने इस काम के लिए पुरुषों को चुना है. एक महिला पादरी के पैरोकार ने इस नजरिए पर असहमति भी जताई और कहा कि वह अपने समय के मानदंडों के अनुसार काम कर रहे हैं.
आपको बता दें कि साल 2013 में यूरोपीय संघ में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 16.4 फीसदी वेतन दिया जाता था. स्टैटिस्टिक्स एजेंसी यूरोस्टैट और यूनाइटेड स्टेट्स सेनसस ब्यूरो डाटा में स्पष्ट है कि पुरुष अगर एक डॉलर कमा रहा है तो उस मुकाबले महिलाओं को सिर्फ 77 सेंट ही मिलते हैं.