नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पाकिस्तान में विवादास्पद हो गई हैं. उसके आलोचक उसे पाकिस्तान विरोधी मानते हैं और उसके पिता को अपनी बेटी को पैसों और शोहरत की खातिर आगे बढ़ाने का आरोप लगाते हैं.
पाकिस्तानी अखबार डेलीटाइम्स के मुताबिक मलाला के आलोचक न केवल स्वात घाटी में हैं बल्कि पूरे देश में हैं. उनका कहना है कि यह सब एक साजिश के तहत किया गया है. बताया जाता है कि मलाला के गृह नगर में उनके पिता के कई स्कूल चलते हैं. उन पर अब आलोचक आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि उसकी शादी बचपन में तय हो गई थी और जब उसने शादी तोड़ने की जिद की तो उसके ससुरालवालों ने उस पर गोलियां चलाईं जो उसके माथे पर लगीं. इस तरह के कई आरोप उसके पिता पर लग रहे हैं कि उन्होंने तालिबानियों को बदनाम करने के लिए यह प्रचार किया.
लेकिन बहुत से लोग वहां मलाला के साथ भी हैं. उनका कहना है कि यह सब मूर्खतापूर्ण बातें हैं. एक पत्रकार अताउल्लाह ने कहा कि उस परिवार पर लगे सभी आरोप झूठे हैं. मलाला के विरोधी तो इस हद पर उतर आए हैं कि वे कहते हैं कि उनकी किताब ''मैं हूं मलाला' इस्लाम विरोधी है. हालांकि जब एक पत्रकार ने वहां के लोगों से उस किताब के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने उसे पढ़ा ही नहीं था.
मलाला की इस आलोचना से वहां के उदारपंथी लोग बहुत हैरान हैं. उनका कहना है कि वहां आज भी मध्यकालीन मानसिकता है. आज भी वहां लोग लड़कियों को ऊपर नहीं देखना चाहते हैं. दरअसल वहां तालिबानियों का बहुत बोलबाला है और कट्टरपंथी लोग उन्हें पसंद करते हैं. वहां बड़ी तादाद में आवाम भी उन्हें सपोर्ट करती है.