पाकिस्तान में महिला शिक्षा और अधिकारों की वकालत करने के कारण तालिबान हमले की शिकार बनीं 15 वर्षीय कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई का नाम इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार के उम्मीदवारों की सूची में शामिल होने की खबर है.
पुरस्कार की घोषणा इस वर्ष अक्टूबर के आरंभ में होगी लेकिन एक फरवरी को नामांकन की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद इस संबंध में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.
मलाला की 'बोली' के आगे तालिबान की 'गोली' फेल
पिछले वर्ष पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान ने मलाला की स्कूल बस को रोकर उनपर गोलियां चलाईं थी. उस घटना के बाद उनका इलाज रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल और ब्रिटेन के अस्पताल में हुआ.
माना जा रहा है कि मलाला के अलावा इस पुरस्कार के लिए बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेक्स बेलीत्स्की (फिलहाल जेल में बंद हैं) और रूस की ल्यूडमिला एलेक्सयेवा भी नामांकित हुए हैं. नोबले शांति पुरस्कार किसे मिलेगा इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसके नामांकनों को गोपनीय रखा जाता है.