मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने शनिवार को दावा किया कि लापता विमान एमएच 370 का अपहरण किया गया है. यह जानकारी शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रजाक ने दी.
उन्होंने बताया कि लापता विमान एमएच 370 की गतिविधि विमान में सवार किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर की जाने वाली कार्रवाई जैसी थी. विमान जब मलेशिया और वियतनाम के बीच था तो उसकी संचार प्रणाली निष्क्रिय कर दी गई, ट्रांसपॉन्डर बंद कर दिया गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजीब रजाक ने कहा कि जांचकर्ताओं को संदेह है कि विमान को कजाखस्तान-तुर्कमेनिस्तान कॉरिडोर या इंडोनेशिया-दक्षिण हिंद महासागर कॉरिडोर ले जाया गया. रजाक ने कहा कि हालांकि मीडिया में खबरें हैं कि विमान का अपहरण किया गया, लेकिन हम अब भी सभी कोणों से जांच कर रहे हैं, चालक दल और यात्रियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
इससे पहले जांच में जुटे जांचकर्ताओं ने भी यह कहा था कि मलेशिया एयरलाइंस की विमान संख्या एमएच370 का अपहरण कर लिया गया है. हालांकि अभी इसका उद्देश्य पता नहीं चल पाया है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि अपहर्ताओं को उड़ान का अच्छा अनुभव था. उन्होंने जानबूझकर विमान से संपर्क करने के उपकरण बंद कर दिए और बोइंग 777 विमान को उड़ा कर ले गए. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
मलेशिया एयरलाइंस का विमान आठ मार्च को तड़के कुआलालंपुर से उड़ान भरने के एक घंटे के बाद रहस्यमय तरीके से लापता हो गया, इसमें चालक दल के 12 सदस्यों के अतिरिक्त 227 यात्री सवार थे, जिनमें पांच भारतीय, 154 चीनी और 38 मलेशियाई नागरिक हैं.
शुरुआत में इसके दक्षिणी चीन सागर में वियतनाम के तट पर दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही थी. वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर से गुजरते वक्त विमान का संपर्क हवाई नियंत्रण कक्ष से टूट गया था. कई देशों की ओर से संयुक्त रूप से चलाए जा रहे तलाशी अभियान के बावजूद अब तक विमान का पता नहीं लग पाया है.
मलेशिया ने शुक्रवार को कहा था कि विमान को हिंद महासागर में भी तलाशा किया गया, लेकिन इसने अमेरिका की उस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी कि विमान ने लापता होने के चार घंटे बाद भी उपग्रह को संकेत भेजे थे. शुक्रवार तक तलाशी अभियान में विभिन्न देशों के 57 जहाज और 48 विमान जुड़ चुके हैं.