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'लक्षद्वीप और गोवा घूमकर आएं...', मालदीव में इजरायली नागरिकों पर बैन के फैसले के बाद बोला इजरायल

इजरायल और हमास युद्ध के बीच मालदीव की मुइज्जू सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. मालदीव सरकार ने पासपोर्ट नियमों में बदलाव करते हुए इजरायली पासपोर्ट पर बैन लगा दिया था. इस फैसले के बाद अब इजरायल के नागरिक मालदीव नहीं जा सकेंगे. 

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मालदीव की मुइज्जू सरकार ने फिलिस्तीन के समर्थन में इजरायली नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया. मालदीव में इजरायली नागरिकों के प्रवेश पर बैन लगाया गया है. इस बीच अब इजरायल ने भी जवाबी प्रतिक्रिया दी है.

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इजरायल ने अपने नागरिकों को मालदीव जाने से बचने की सलाह दी है. इसके साथ ही इजरायल के जो नागरिक पहले से मालदीव में हैं, उन्हें तुरंत देश लौटने की सलाह दी गई है. 

इजराली दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जैसा कि मालदीव ने अब इजरायलियों के आने पर बैन लगा दिया है. नीचे दिए गए यह कुछ खूबसूरत और अद्भुत भारतीय समुद्र तट हैं, जहां इजरायली पर्यटकों का हार्दिक स्वागत होता है और बेहद आदर सत्कार दिया जाते हैं. इस दौरान इजरायली दूतावास ने लक्षद्वीप के समुद्र तटों की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं.

मालदीव ने क्या किया था?

इजरायल और हमास युद्ध के बीच मालदीव की मुइज्जू सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था. मालदीव सरकार ने पासपोर्ट नियमों में बदलाव करते हुए इजरायली पासपोर्ट पर बैन लगा दिया था. इस फैसले के बाद अब इजरायल के नागरिक मालदीव नहीं जा सकेंगे. 

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सरकार ने ये फैसला गाजा पर इजरायली सेना के हमले को लेकर मालदीव के लोगों में लगातार बढ़ रहे गुस्से के मद्देनजर लिया था. मालदीव के गृहमंत्री ने एक आपात प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि आज कैबिनेट ने इजरायली नागरिकों के मालदीव में प्रवेश पर रोक लगाने के लिए कानून में जरूरी बदलाव किए हैं. कैबिनेट ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की है. बता दें कि हर साल 10 लाख से ज्यादा पर्यटक मालदीव का रुख करते हैं. 

मालदीव सरकार ने फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए फंड जुटाने और उसके समर्थन के लिए मुस्लिम देशों के साथ चर्चा करने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि UNRWA के जरिए फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए फंड इकट्ठा किया जाएगा. इसके साथ ही कैबिनेट ने ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने के लिए विशेष दूत नियुक्त करने का फैसला किया है, जहां फिलिस्तीन को मालदीव की मदद की सख्त जरूरत है. 

6 मई से राफा में जारी है ऑपरेशन

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने इजरायल से राफा शहर में हमले रोकने को कहा था, लेकिन इसके बावजूद मंगलवार को पहली बार इजरायली सेना के टैंक राफा में घुस गए थे.

7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के सात महीने बाद इजरायली सेना ने 6 मई को रफाह में ऑपरेशन शुरू किया था. 27 मई को इजरायल ने राफा के एक राहत कैंप पर बमबारी की थी. इस हमले में हमास ने 45 नागरिकों के मारे जाने का दावा किया था. इस हमले की जब दुनियाभर में आलोचना हुई तो बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे त्रासद दुर्घटना माना था. 

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हालांकि, इस हमले के तुरंत बाद आईडीएफ ने दावा किया था कि उन्होंने हमास के ठिकाने को निशाना बनाया था. इस हमले में आईडीएफ ने हमास के दो टॉप कमांडर- यासिन राबिया और खालेद नज्जर को मार गिराने का दावा किया था.

7 अक्टूबर से जारी है जंग

पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर पांच हजार रॉकेट दागे थे. इसके साथ ही हमास के लड़ाके दक्षिणी इजरायल में घुस आए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था. हमास के इस हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे. इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी. 

कुछ महीनों पहले इजरायल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील में कई बंधकों को छोड़ दिया गया था. लेकिन अब भी दर्जनों बंधक हमास के कब्जे में है. इजरायली पीएम नेतन्याहू का साफ कहना है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं होता, तब तक जंग जारी रहेगी. 

इजरायल और हमास में जारी जंग में लगभग आठ महीनों में 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, लाखों लोग शरणार्थियों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं और राहत कैंपों में रह रहे हैं.

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