मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अपने देश में चल रहे राजनीतिक संकट के हल के लिए भारत से 'मुक्तिदाता' की भूमिका निभाने की अपील की है. उन्होंने इस मामले में न पड़ने के लिए भारत को रोकने के लिए चीन की भी आलोचना की है. नशीद ने भारत से सैन्य तरीके से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
चीन ने मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप का विरोध किया है और बातचीत के जरिए इस संकट का समाधान निकालने का आहवान किया है. नशीद ने इसके लिए चीन की निंदा की है. वहीं, मालदीव के विपक्षी नेताओं का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी मिल रही है.
चीन ने मालदीव में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है. चीन का कहना है कि इस तरह के कदम से द्वीपीय देश में स्थिति और जटिल हो जाएगी.
नशीद ने ट्वीट किया, 'विवाद को बढाने के लिए हमें आतंरिक ढंग से चीजों को सुलझाने के लिए कहा जा सकता है जिससे संकट और बढ सकता है. मालदीव के लोग भारत की भूमिका को सकारात्मक रूप में देख रहे हैं. 1988 में उन्होंने संकट का समाधान किया और चले गए. वे कब्जा करने वाले नहीं थे बल्कि संकटमोटक थे. इसलिए मालदीव अब भारत की ओर देख रहा है.' नशीद ने सोमवार को भी भारतीयों से मदद की अपील की थी.
नशीद ने ट्वीट किया, 'हम चाहते हैं कि भारत सरकार सैन्य समर्थित एक दूत भेजे, जो पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम समेत राजनीतिक कैदियों और न्यायाधीशों को हिरासत से मुक्त कराए.' 1988 में मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल गयूम ने सेना द्वारा तख्तापलट के खिलाफ भारत की मदद मांगी थी.Saying ‘resolve things internally’ is akin to asking us to escalate the revolt, which can lead to chaos. Maldivians see India’s role positively: in ‘88 they came, resolved the crisis, and left. They were not occupiers but liberators. This is why Maldivians look to India now.
— Mohamed Nasheed (@MohamedNasheed) February 7, 2018
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा है कि चीन का रुख यह है कि मालदीव की सभी पार्टियों को आंतरिक रूप से समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने भारत का नाम लिए बिना कहा, 'हमें उम्मीद है कि मालदीव के संबंधित दल विचार विमर्श के जरिए इस मुद्दे का समुचित ढंग से समाधान कर सकते हैं.'
चीन ने मालदीव की विपक्षी पार्टियों आरोपों का खंडन किया कि चीन मौजूदा राष्ट्रपति यामीन का समर्थन कर रहा है, क्योंकि उन्होंने कई चीनी परियोजनाओं को मंजूरी दी है. वैसे यामीन के समय में मालदीव और चीन के बीच दिसंबर में बीजिंग में एक विवादास्पद मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर हुए हैं.
उन्होंने कहा कि चीन दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है. बीजिंग के करीबी माने जाने वाले राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सोमवार को आपातकाल की घोषणा की थी और दो शीर्ष न्यायाधीशों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
इस बीच कार्यवाहक पुलिस प्रमुख अब्दुल्ला नवाज ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस को सबूत मिले थे कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सईद और हामिद को कई मिलियन डॉलर की रिश्वत दी गई है.
मालदीव में राजनीतिक संकट के मद्देनजर कई देशों ने यात्रा चेतावनी जारी की है. देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है और अभी पर्यटन का मौसम भी चल रहा है.
इस हफ्ते की शुरुआत में लगाए गए 15 दिन के आपातकाल ने सरकार को लोगों को गिरफ्तार करने, हिरासत में लेने और न्यायपालिका तथा विधायिका की शक्तियों को कम करने की ताकत दे दी है.