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मालदीव: भारतीय दूतावास से बाहर आए नशीद

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद 11 दिनों से चल रहे गतिरोध को खत्म करते हुए माले स्थित भारतीय उच्चायोग से बाहर आ गए. अपनी गिरफ्तारी का वारंट जारी होने पर उन्होंने पिछले बुधवार को उच्चायोग में शरण ली थी.

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मोहम्मद नशीद
मोहम्मद नशीद

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद 11 दिनों से चल रहे गतिरोध को खत्म करते हुए माले स्थित भारतीय उच्चायोग से बाहर आ गए. अपनी गिरफ्तारी का वारंट जारी होने पर उन्होंने पिछले बुधवार को उच्चायोग में शरण ली थी.

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नशीद शनिवार शाम सवा चार बजे दूतावास से बाहर आए. इसके बाद भारत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि इस घटनाक्रम के बाद पूर्व राष्ट्रपति अपना सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन जारी रख सकेंगे.

राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने माले में कहा, ‘हम इस घटनाक्रम का स्वागत करते हैं.’ उन्होंने कहा कि इस वक्त नशीद के खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं है.

इमाद ने यह भी कहा, ‘मैं इस बात को लेकर खुश हूं कि दुनिया की सबसे लंबी बैठक खत्म हो गई. हमें प्रथम दिन उच्चायोग ने औपाचारिक तौर पर बताया था कि नशीद दूतावास में एक बैठक के लिए आए हैं और इसके खत्म होने पर वह बाहर निकल जाएंगे.’

नशीद गिरफ्तारी से बचने के लिए 13 फरवरी से भारतीय दूतावास में थे. दरअसल, वह अपने शासनकाल में मुख्य आपराधिक न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद को हिरासत में लिए जाने के आरोपों में अदालत में पेश होने में नाकाम रहे थे. नशीद की पार्टी ने आरोप लगाया था कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और सितंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से उन्हें अयोग्य ठहराने को लेकर ऐसा किया गया है.

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इस बीच, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘यह उम्मीद की जा रही है कि इस घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति अपने सामाजिक और राजनीतिक जीवन को जारी रख सकेंगे.’ संयुक्त सचिव हर्ष वर्धन के नेतृत्व वाली विदेश मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम को मालदीव भेजे जाने के बाद यह गतिरोध टूटा है.

उच्चस्तरीय टीम ने वहां सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अन्य पक्षों के साथ बैठकें की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने उन सभी का शुक्रिया अदा किया है जिन्होंने इन प्रयासों में सहयोग किया है.

मंत्रालय ने कहा है कि भारत वहां की सरकार और मालदीव के अन्य संबद्ध पक्षों के साथ करीबी रूप से काम कर रहा है ताकि देश में लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत बनाया जा सके.

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