मालदीव के मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपनी भारत नीति में ‘अचानक किए गए बदलाव’ का स्वागत किया है. एमडीपी ने कहा कि माले इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि देश पर जब भी संकट आएगा और वह मदद के लिए पुकारेगा, तो भारत सबसे पहले सहायता करेगा.
मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की. एमडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी "मुइज्जू सरकार से अपने अधिकारियों की हरकतों, झूठ और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने करने की मांग करती है, जिनकी वजह से मालदीव के विदेशी और आर्थिक दृष्टिकोण को काफी नुकसान पहुंचा है."
विदेश मंत्री हैं मालदीव के दौरे पर
जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने करने के लिए मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं. चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की ओर से यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. पूर्व विदेश मंत्री शाहिद ने शनिवार देर रात 'एक्स' पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, "मालदीव को हमेशा से भरोसा रहा है कि जब भी मालदीव "अंतर्राष्ट्रीय 911 डायल करेगा" तो भारत हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया देगा."
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उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार की ओर से भारत के खिलाफ आक्रामक नारे लगाने, मजाक उड़ाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने के कारण मालदीव की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा, आर्थिक क्षति हुई तथा कई अन्य अनावश्यक कठिनाइयां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब जब राष्ट्रपति मुइज्जू सरकार की मालदीव-भारत नीति में अचानक बदलाव आया है, तो एमडीपी इसका स्वागत करती है.’
मुइज्जू ने भारत को बताया था करीबी सहयोगी
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शनिवार को कहा था कि भारत हमेशा से एक करीबी सहयोगी और बहुमूल्य साझेदार रहा है. इतना ही नहीं उनके देश को जब भी उसकी जरूरत पड़ी तब नई दिल्ली ने हर तरह की सहायता दी है. उन्होंने मालदीव में 28 द्वीप क्षेत्रों में जलापूर्ति व सीवर सुविधाएं शुरू किए जाने को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही थी. उनके इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं और कहा जा रहा है मुइज्जू का भारत के प्रति जो रुख था, वो अब सकारात्मक रूप से बदलता हुआ नजर आ रहा है.
राष्ट्रपति मुइज्जू का बयान
हालांकि, राष्ट्रपति मुइज्जू ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपनी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया है, बल्कि पहले दिन से ही उसी नीति पर कायम है. ‘सनऑनलाइन इंटरनेशनल’ न्यूज पोर्टल ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा, ‘मैं अपने घोषणापत्र (2023 के चुनावों में) में घोषित विदेश नीति को लागू कर रहा हूं. मैं मालदीव के हितों को प्राथमिकता दूंगा और उन सभी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखूंगा, जो मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करने पर सहमत हैं.’मुइज्जू ने कहा कि उन्होंने अपनी विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया है, न ही उन्हें किसी बात के लिए माफी मांगने की जरूरत है.
मुइज्जू ने कहा, ‘उन्होंने (भारत ने) पिछले कुछ माह में मित्र देश होने के नाते हमारे लिए बहुत कुछ किया है. भारत ने मालदीव के लिए मुख्य खाद्य पदार्थों के कोटे में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक वृद्धि की है. राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारत ने सदैव मालदीव की सहायता की है तथा उन्होंने वर्षों से दी जा रही विभिन्न सहायता के लिए देश को धन्यवाद दिया.’
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी.
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