मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के आरोपों से रिहा कर दिया है. साथ ही सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के आदेश भी दिए हैं. कोर्ट के इस आदेश के बाद निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुनाने के बाद सरकार के विरोधियों की पुलिस के साथ झड़प हुई. माले में सैकड़ों लोगों ने राष्ट्र ध्वज लहराकर जश्न मनाया लेकिन पुलिस ने पेपर स्प्रे और लाठियों का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर- बितर कर दिया. पुलिस पर पत्थर फेंके गए. इसमें एक अधिकारी घायल अधिकारी हो गया जिसे अस्पताल ले जाया गया.
अदालत के इस आदेश के बाद नशीद अब राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं. संयुक्त विपक्ष ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है. नौ राजनीतिक बंदियों की रिहाई के बाद विपक्ष को संसद में बहुमत प्राप्त हो जाएगा. ऐसे में वह मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से पद छोड़ने की मांग भी कर सकता है.
मोहम्मद नशीद ने कोर्ट के फैसले के बाद ट्विट कर कहा, 'मैं सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई और उनके नागरिक, राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं. राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन इस फैसले को मानें और इस्तीफा दें. सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं वो संघर्ष से बचें और शांतिपूर्ण कार्यों में हिस्सा लें.
Welcome tonight’s SC ruling calling for the immediate release of political prisoners and the restoration of their civil and political rights. President Yameen must abide by this ruling and resign. Urge all citizens to avoid confrontation and engage in peaceful political activity.
— Mohamed Nasheed (@MohamedNasheed) February 1, 2018
विपक्ष ने एक बयान में कहा,‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला प्रभावी तौर पर राष्ट्रपति यामीन के मनमाने शासन को समाप्त करता है.’ यामीन के शासनकाल में विरोधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई ने पर्यटन स्थल के रूप में द्वीप देश की छवि को बहुत खराब किया है. राष्ट्रपति ने अपने शासनकाल में अपने लगभग सभी प्रतिद्वंद्वियों को जेल भेज दिया है.
इसी क्रम में आतंकवाद के आरोपों में 13 वर्ष कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति नशीद स्व-निर्वासन में रह रहे हैं.