आपको पोपेये नाम का कार्टून कैरेक्टर तो याद है न? अरे, वही पोपेये जो दुशमन से लड़ने से पहले पालक खाता था और पालक खाते ही उसकी मांसपेशियों में ताकत आ जाती थी. खैर, यह तो हुई कार्टून कैरेक्टर की बात. हम यहां पर जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह कोई कार्टून नहीं, बल्कि जीता जागता इंसान है.
जी हां, ब्राजील के रहने वाले अरलिंडो डिसूजा की बाइसेप्स 29 इंच की है. ब्राजील में उनके अलावा किसी और के बाजू इतने बड़े नहीं हैं. लेकिन पोपेये और अरलिंडो में एक बहुत बड़ा फर्क है. जहां, पोपेये अपनी बाइसेप्स की ताकत बढ़ाने के लिए पालक खाता था, वहीं अरलिंडो मांसपेशियों को फुलाने के लिए अपने शरीर में जानलेवा तेलों के कॉकटेल और एल्कोहल का इंजेक्शन लगाते हैं. हालांकि वे इस बात को स्वीकारते हैं कि इससे उन्हें खतरनाक इंफेक्शन हो सकता है. आपको बता दें कि ब्राजील में बॉडीबिल्डर इस तरह के खतरनाक इंजेक्शन लेकर अपनी जान के साथ जबरदस्त खिलवाड़ कर रहे हैं. कई लोगों के हाथ तक काटने पड़े और कई की तो मौत भी हो गई.
अरलिंडो कहते हैं, 'मेरा दोस्त पॉलहिनो की मौत इसी वजह से हुई थी. उसने भी इंजेक्शन लिए थे और मैं भी लेता हूं, लेकिन उसने हद कर दी थी. वह बहुत ज्यादा इंजेक्शन लेता था. मैं सभी को इस तेल का इस्तेमाल न करने की सलाह देता हूं. मैंने अब इंजेक्शन या इसी तरह की दूसरी चीजें लेना बंद कर दिया है. हमेशा इच्छा होती है कि फिर से शुरू कर दूं. लेकिन मैं खुद पर नियंत्रण करना सीख रहा हूं'.
शुरुआत में अरलिंडो अपनी बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड, हॉर्मोन्स और हॉर्स विटामिन ले रहे थे. तभी जिम के एक साथी ने ऐसे तेल से उनका परिचय करवाया जिससे वे अपनी मांसपेशियों को विशाल कर अपने प्रतिद्वंदियों को मात दे सकते थे.
उन्होंने बताया, 'जिम के उस दोस्त ने मुझे तेल दिया और कहा कि कुछ ही दिनों में तुम्हुारी बॉडी बन जाएगी. मैंने सिरिंज में तेल भरा और अपनी बाजू में उसे लगा दिया. मेरी बाजू उसी वक्त फूल गई. मुझे उस वक्त कुछ महसूस नहीं हुआ. हल्का सा चक्कर जैसा आया, लेकिन इसके अलावा और कुछ नहीं'.
अरलिंडो कहते हैं, 'तेल का इंजेक्शन लेने के बावजूद मैं पहले की तरह कसरत करता रहा. ज्यादातर लोगों को ठीक से इंजेक्शन लेना नहीं आता. कोई अपना हाथ गंवा देता है, किसी को ऑपरेशन करवाना पड़ता है तो कुछ अपनी जान ही गंवा बैठते हैं'.
इस तरह के इंजेक्शन लेने से स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है. खुद अरलिंडो को अपनी चिंता सताती है. वे डॉक्टर के पास भी गए थे, लेकिन अस्पताल ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने खुद अपनी ऐसी हालत की थी. वे कहते हैं, 'अगर मैं बीमार पड़ूं या मेरी बांहें फट जाएं तो ही मैं डॉक्टर के पास जा सकता हूं'.
अरलिंडो ने दो साल पहले इंजेक्शन लेना शुरू किया था और तभी से ब्राजील में वो सुर्खियों में हैं. लेकिन उनके घरवालों को उनकी बहुत फिक्र रहती है. उनकी बहन कहती हैं कि वो बहुत अच्छे इंसान हैं और अब उनका घर बस जाना चाहिए.