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UNSC में घेरने की तैयारी, भारत समझाएगा कैसे दुनिया के लिए बड़ा खतरा है मसूद अजहर

Masood Azhar पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरने के लिए भारत मुस्तैद है. संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए भारत के साथ कई देश साथ हैं. भारत दुनिया को बताएगा कि मसूद अजहर सिर्फ भारत नहीं दुनिया के लिए खतरा है.

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जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर
जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर

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पुलवामा आतंकी हमले के गुनाहगार और भारत का दुश्मन नंबर एक जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को सबक सिखाने के लिए भारत हर कोशिश कर रहा है. मसूद पाकिस्तान में है और भारत ने अब पाकिस्तान को दुनिया के मंच पर घेरना शुरू कर दिया है. अगले कुछ दिनों में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाने की कोशिश करेगा. सिर्फ इतना ही नहीं, भारत दुनिया को ये भी बताएगा कि मसूद अजहर सिर्फ हमारे लिए उनके लिए भी खतरा है.

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, भारत के साथ-साथ फ्रांस ने भी संयुक्त राष्ट्र में इसका प्रस्ताव दिया है. दरअसल, सिर्फ जैश-ए-मोहम्मद ही नहीं भारत दुनिया को ये बताएगा कि अमेरिका द्वारा बैन हरकत-उल-अंसार (HuA) जैश की ही पेरेंट बॉडी है. अमेरिका के HuA को बैन करने के बाद जैश के अंतर्गत ही आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी.

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गौरतलब है कि भारत इससे पहले भी कई बार जैश पर एक्शन की मांग करता रहा है, लेकिन UNSC में चीन के वीटो पावर के कारण ऐसा नहीं हो सका था. अब पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, जिसका लाभ भारत उठाना चाहता है.

मसूद अजहर 1994 में हरकत-उल-अंसार का हिस्सा था और जम्मू-कश्मीर के मिशन पर था, लेकिन भारत में पकड़ा गया. जब 1999 में यहां से छूटा तो उसने जैश-ए-मोहम्मद बनाया, बालाकोट में जिस अड्डे को भारत ने तबाह किया है कि वह जैश का सबसे बड़ा ट्रेनिंग कैंप माना जाता है.

ऐसे में भारत अब दुनिया को ये बताने की कोशिश करेगा कि ऐसा नहीं है कि जैश सिर्फ हिंदुस्तान के लिए खतरा है और वह कश्मीर में ही आतंक फैलाना चाहता है. बल्कि हरकत-उल-अंसार के जरिए वह अमेरिका, यूरोप जैसे क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. जैश-ए-मोहम्मद भारत में पुलवामा, पठानकोट और संसद पर हमले का जिम्मेदार है.

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की एजेंसी ISI ही हरकत-उल-अंसार को लगातार फंडिंग करता रहा है, जो जैश-ए-मोहम्मद की पेरेंट संस्था है. भारत की दलील साबित करने के लिए सीआईए की ये रिपोर्ट ही काफी है.

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही भारत ने कूटनीतिक तौर पर दुनियाभर में पाकिस्तान को घेरने की कोशिश की, जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक की तो यही कारण रहा कि किसी ने भारत की ओर आवाज़ नहीं उठाई. बल्कि भारत ने खुद ही सभी देशों को अवगत कराया कि हमारे देश ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लिया है. जिसके बाद कई देशों ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई.  

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