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भारत का गुनहगार मौलाना मसूद अजहर जिंदा ही नहीं सेहतमंद भी है, लिखा ब्लॉग

जैश ए मोहम्मद प्रमुख  मौलाना मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद की वेबसाइट पर एक दिन पहले ही एक नया ब्लॉग लिखा है. उर्दू में लिखे गए इस ब्लॉग में मौलाना मसूद अजहर ने साल 2000 के दौरान जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों में रहने के 3 किस्से बयां किए हैं. ब्लॉग में मसूद अजहर ने लिखा है कि भले ही दुनिया के लोग उससे मुर्दा घोषित करें लेकिन फिलहाल वह जिंदा है.

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मौलाना मसूद अजहर  का लिखा हुआ ब्लाग
मौलाना मसूद अजहर का लिखा हुआ ब्लाग

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14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के दस्ते पर हुए आत्मघाती हमले का गुनाहगार और जैश ए मोहम्मद संगठन का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर जिंदा ही नहीं बल्कि स्वस्थ भी है. पिछले कई दिनों से कई मौलाना मसूद अजहर की मृत्यु को लेकर अटकलें चल रही हैं. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टस में इसका दावा किया गया था कि  मौलाना मसूद अजहर की मौत हो गई है.

कुछ लोगों ने उसे मुर्दा बताया और कुछ लोगों ने उसकी हालत और बीमारी पर तरह तरह के बयान दिए, लेकिन हकीकत यह है कि मौलाना मसूद अजहर जिंदा ही नहीं बल्कि स्वस्थ भी है.

बालाकोट में भारत के एयर स्ट्राइक के बाद इस बात का भी दावा किया जा रहा था कि हमले में मसूद अजहर घायल हो गया था जिसके बाद उसका इलाज चल रहा था यह भी कहा गया कि बाद में उसकी मौत हो गई.

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जैश प्रमुख  मौलाना मसूद अजहर ने जैश ए मोहम्मद की वेबसाइट पर मंगलवार को ही एक नया ब्लॉग लिखा है. उर्दू में लिखे गए इस ब्लॉग में मौलाना मसूद अजहर ने साल 2000 के दौरान जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों में रहने के 3 किस्से बयां किए हैं. ब्लॉग में मसूद अजहर ने लिखा है कि भले ही दुनिया के लोग उससे मुर्दा घोषित करें लेकिन फिलहाल वह जिंदा है. अपने ब्लॉग के जरिए जैश प्रमुख ने भारत में सुरक्षाकर्मियों पर तंत्र कैसा है. जैश के मुख्य पत्र "रंग नूर नई" ताजा ब्लॉग मौलाना मसूद अजहर ने कल ही लिखा है और कल ही इस ब्लॉग को अपनी वेबसाइट पर भी डाला है.

बता दें कि 50 साल के मसूद अजहर पर 2001 के संसद हमले की साजिश रचने का जम्मू कश्मीर विधानसभा पर आत्मघाती हमले और पठानकोट वायु सेना केंद्र तथा पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने के भी आरोप हैं.

पाकिस्तान की सरजमीं से अपने आतंकवाद  का सम्राज्य चला रहे मसूद को वहां की सरकार का संरक्षण मिला हुआ है हलांकि इमरान सरकार के आतंकवाद को लेकर पर अलग-अलग दावे करती रही है पर अब तक  सरकार ने कोई  भी ठोस कदम नहीं उठाया है.

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