पाकिस्तान का आतंक का परस्त चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया, जब उसने जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद को रिहाई दे दी. लेकिन अब पाकिस्तान अपनी इस करतूत पर पर्दा डालना चाहता है, यही वजह है कि सरकार ने आतंकी हाफिज की मीडिया कवरेज पर बैन लगा दिया है. लाहौर में शुक्रवार को होने वाले हाफिज के संबोधन को कवरेज न देने और रिपोर्टिंग न करने के निर्देश दिए हैं.
हाफिज की रिहाई पर भारत समेत दुनिया के कई मुल्कों ने कड़ा ऐतराज जताया है. मुंबई हमले के मास्टर माइंड सईद पर अमेरिका पहले ही एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर चुका है. अब दुनिया में हो रही बदनामी से बचने के लिए पाकिस्तान यह नहीं चाहता कि दुनिया भर में हाफिज की वजह से उसकी किरकिरी हो. जेल से बाहर आते ही हाफिज ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है.
खुद को बताया बेकसूर
जेल से बाहर आने के बाद हाफिज सईद ने अपनी रिहाई के आदेश को अपने निर्दोष होने का सबूत बताया है. सईद ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है क्योंकि लाहौर हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों ने मेरी रिहाई के आदेश दिये हैं.... भारत ने मेरे खिलाफ आधारहीन आरोप लगाये हैं'. सईद ने कहा कि भारत के अनुरोध पर अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया था कि उसे हिरासत में लिया जाये.
आतंकी का कश्मीर राग
रिहाई की खुशी में अपने आवास के बाहर जमा हुए समर्थकों से सईद ने कहा कि, 'मुझे सिर्फ कश्मीर पर मेरी आवाज को दबाने के लिए 10 महीने तक हिरासत में रखा गया'. पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की 30 दिनों की नजरबंदी की अवधि पूरी होने के बाद आम सहमति से उसकी रिहाई का आदेश दिया. इस बोर्ड में लाहौर हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हैं.
नजरबंदी से रिहाई के कुछ ही क्षण बाद मुंबई हमले के मास्टर माइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा कि वह कश्मीर के लिए पूरे पाकिस्तान से लोगों को जुटाएगा और आजादी पाने में कश्मीरियों की मदद करेगा.