पीएनबी बैंक ऋण घोटाले के प्रमुख आरोपियों में एक मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ हाईकोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दायर की है. बैंक घोटाला मामले में फरार चोकसी ने भारत द्वारा की जा रही प्रत्यर्पण की कोशिश से बचने के लिए यह कदम उठाया है. चोकसी के वकील डेविड डॉर्सेट ने अदालत में याचिका दाखिल कर कहा कि भारत की अपील पर एंटीगुआ अथॉरिटी द्वारा मेहुल चोकसी को हिरासत में लेना या प्रत्यर्पण करना गैर कानूनी होगा.
चोकसी ने दलील की कि वह एंटीगुआ का नागरिक है. लिहाजा उसको भारत की अपील में हिरासत में लेने या प्रत्यर्पण करने का कोई वैध आधार नहीं है. ऐसा करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा. उसने यह भी कहा कि एंटीगुआ और भारत के बीच प्रत्यर्पण को लेकर कोई समझौता भी नहीं है. ऐसे में अदालत को घोषित करना चाहिए कि उसके प्रत्यर्पण की कोशिशें गैर कानूनी हैं.
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की राजनयिक कोशिशों को उस समय बल मिला था, जब एंटीगुआ अथॉरिटी ने इसके सकारात्मक संकेत दिए थे. एंटीगुआ सरकार ने भारत सरकार को इस बात के संकेत दिए थे कि उसके साथ प्रत्यर्पण को लेकर कोई द्विपक्षीय समझौता नहीं है, लेकिन फिर भी चोकसी का प्रत्यर्पण संभव है.
वहीं, मंगलवार को नीरव मोदी की फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल और मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस ले लिया है. दोनों कंपनियों ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था.
दरअसल, भारत ने एंटीगुआ के स्थानीय प्रशासन से मेहुल चोकसी को गिरफ्तार करने और प्रत्यर्पित करने की अपील की है. सूत्रों के मुताबिक जब भारत को चोकसी के इस कैरिबियाई द्वीप समूह में मौजूद होने की सूचना मिली, तो मोदी सरकार की ओर से प्रत्यर्पण की कोशिश के तहत यह कदम उठाया गया.
सूत्रों ने बताया कि भारत एंटीगुआ के संपर्क में है. वहां के अधिकारियों से थल, जल या वायु मार्ग से चोकसी की आवाजाही पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है.
सूत्रों ने कहा, 'जैसे ही विदेश मंत्रालय को मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में मौजूद होने के संकेत की सूचना मिली, हमारे जॉर्जटाउन के उच्चायोग ने एंटीगुआ और बरबूडा सरकार को लिखित और मौखिक रूप से अलर्ट किया है. वहां की सरकार से कहा गया है कि चोकसी की उनके क्षेत्र में मौजूदगी की पुष्टि की जाए और साथ ही उसे हिरासत में लिया जाए. उसे जमीन, वायु या समुद्री मार्ग से कहीं आने-जाने नहीं दिया जाए.'