पीएनबी बैंक को चूना लगाने वाला मेहुल चोकसी अब पूरी दुनिया में कहीं भी घूम सकेगा. इंटरपोल ने उसको लेकर जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, उसे वापस ले लिया गया है. असल में 2022 में चोकसी के खिलाफ जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, उसे भगोड़े ने चुनौती दी थी. उस फैसले की समीक्षा की मांग की थी. उसी मांग पर सुनवाई करते हुए इंटरपोल ने कहा है कि भारत लौटने पर मेहुल चोकसी को शायद फेयर ट्रायल ना मिले.
क्यों दी गई चोकसी को ये राहत?
अब मेहुल चोकसी ने इंटरपोल के सामने दावा किया था कि उसे 2021 में भारतीय एजेंसियों ने ही किडनैप किया था. उनकी तरफ से उसे डोमिनिका ले गए थे, वहां से भारत ले जाने की तैयारी थी. उसके इसी तर्क को समझते हुए इंटरपोल ने उसे ये बड़ी राहत दी है. उसके खिलाफ जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था, उसे वापस ले लिया गया. अब इस वजह से मेहुल आजाद हो गया है और पूरी दुनिया में कहीं भी घूम सकता है. बताया जा रहा है कि भारतीय अधिकारियों द्वारा इंटरपोल के फैसले का विरोध किया जा रहा था, वो इसे बदलवाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब मेहुल को वापस भारत लाना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा.
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस?
असल में रेड कॉर्नर नोटिस किसी देश से भागे हुए ऐसे शख्स को ढूंढने के लिए जारी किया जाता है, जिसके ऊपर कोई आपराधिक मामला दर्ज हो. रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं होता है. रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने का मतलब यह नहीं है कि वह व्यक्ति दोषी ही है. ये दुनियाभर के देशों को उस शख्स के अपराध की जानकारी देता है. रेड कार्नर नोटिस के जरिए पकड़े गए आरोपी को उस देश में भेज दिया जाता है जहां उसने अपराध किया होता है. रेड नोटिस तभी जारी किया जा सकता है जब कानून की नजर में वह अपराध गंभीर हो.
चोकसी का वो तर्क जिसने उसे राहत दी
वैसे जिस किडनैपिंग वाले दावे की वजह से मेहुल को ये राहत मिली है, उसे समझना भी जरूरी है. असल में दो साल पहले 23 मई को चोकसी अपने एंटीगुआ वाले घर से गायब हो गए था. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि चोकसी खुद डोमिनिका भाग गया. लेकिन बाद में चोकसी ने सामने आकर कहा कि रॉ ने उसे किडनैप किया था और उसे भारत लाने की कोशिश की जा रही थी. मामले की बात करें तो जनवरी 2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का खुलासा हुआ था. इस मामले में 30 जनवरी को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन उससे पहले ही इस घोटाले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भारत छोड़कर भाग गए थे. तब से ही दोनों आरोपियों के प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही है. नीरव मोदी ब्रिटेन में है और मेहुल एंटीगुआ में रह रहा है.