वैज्ञानिकों ने आज उस उल्का पिंड के टुकड़े खोज निकालने का दावा किया है, जिसने रूस के यूराल पर्वत से टकराकर एक तीव्र तरंग पैदा करके 1200 लोगों को घायल कर दिया था और हजारों मकानों को नुकसान पहुंचाया था.
अंतरिक्ष की चट्टान का एक बड़ा सा टुकड़ा यह उल्का पिंड केंद्रीय रूस में बीते शुक्रवार को चेल्याबिंस्क शहर में टकराया था. इस टकराहट का बल दूसरे विश्वयुद्ध में हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम के बल से 30 गुना ज्यादा था. इसका विस्फोट पृथ्वी से कुछ दर्जन मील उपर हुआ लेकिन इसके टुकड़े इस उद्यमी क्षेत्र में दूर-दूर तक बिखर गए थे.
एक छोटी झील की सफाई करने वाले राहतकर्मियों को उनकी शुरूआती खोज में कोई टुकड़ा नहीं मिला था जबकि ऐसा माना जा रहा था कि इस झील में कुछ टुकड़े तो जरूर मिलेंगे. लेकिन कल कुछ विचित्र चट्टानों पर रासायनिक अध्ययन करने वाली रूसी विज्ञान अकादमी के सदस्यों ने कहा कि टुकड़े बाहरी अंतरिक्ष से आए थे.
रूसी विज्ञान अकादमी के सदस्य विक्टोर ग्रोखोवस्की ने कहा, ‘हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमारे अभियान में चेबाकरुल झील के पास मिले कणों के पदार्थ की संरचना एक उल्का पिंड की ही है.'