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मिशेल ओबामा के हाथों सम्‍मानित हुईं एसिड हमले की शिकार लक्ष्‍मी

तेजाब हमले की शिकार और ऐसे हमलों के खिलाफ आंदोलन की अगुवा लक्ष्मी को अमेरिका में प्रतिष्ठित 'इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवॉर्ड' से नवाजा गया है.

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तेजाब हमले की शिकार और ऐसे हमलों के खिलाफ आंदोलन की अगुवा लक्ष्मी को अमेरिका में प्रतिष्ठित 'इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवॉर्ड' से नवाजा गया है.

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अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने इस पुरस्कार के लिए चुनी गई 10 महिलाओं को सम्मानित किया और कहा कि विजेताएं दुनियाभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं.

मिशेल ओबामा ने विदेश विभाग में आयोजित समारोह कार्यक्रम में कहा, 'जब हम बदलाव के लिए इन महिलाओं को अपनी आवाज उठाते हुए, अपना पैर बढ़ाते हुए और दूसरों को सशक्त करते हुए देखते हैं तो हमें यह एहसास करने की जरूरत है कि हममें से हरेक के पास वही ताकत और वही जिम्मेदारी है. लक्ष्मी ने इस कार्यक्रम में अपनी एक कविता पढ़कर सुनाई, जो इस प्रकार है:

आपने तेज़ाब मेरे चेहरे पर नहीं, मेरे सपनों पर डाला था,
आपके दिल में प्यार नहीं, तेज़ाब हुआ करता था,
आप मुझे प्यार की नज़र से नहीं, तेज़ाब की नज़र से देखते थे,
मुझे दुःख है, इस बात का कि आपका नाम मेरे तेजाबी चेहरे से जुड़ गया है,
वक़्त इस दर्द को कभी मरहम नहीं लगा पाएगा,
हर ऑपरेशन में मुझे तेज़ाब की याद दिलाएगा,
जब आपको यह पता चलेगा कि जिस चेहरे को,
आपने तेज़ाब से जलाया, अब मुझे उस चेहरे से प्यार है,
जब आपको यह बात मालूम पड़ेगी, वो वक़्त आपको कितना सताएगा,
जब आपको यह बात मालूम पड़ेगी कि आज भी मैं जिन्दा हूं
अपने सपनों को साकार कर रही हूं

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लक्ष्मी जब 16 साल की थीं तो उनके एक परिचित ने उनके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था और उनका चेहरा कुरूप बना दिया था. घटना के समय वह नई दिल्ली के व्यस्त खान मार्केट में बस स्‍टॉप पर बस का इंतजार कर रही थीं.

पिछले साल यह पुरस्कार दिसंबर 2012 में दिल्ली की चलती बस में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई निर्भया को दिया गया था.

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