कनाडा और भारत के बीच जारी डिप्लोमेटिक टेंशन के बीच यूरोपीय देशों में भी खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीयों पर हमला किया जा रहा है. एक तरफ स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ बदसलूकी हुई तो दूसरी ओर खालिस्तान आंदोलन का विरोध करने पर सिख परिवार को धमकियां मिल रही हैं. मामला लंदन में सामने आया है, जहां एक सिख रेस्तरां मालिक ने दावा किया है कि खालिस्तान समर्थकों ने उनकी कारों में तोड़फोड़ की. उन्होंने दावा किया कि खालिस्तान आंदोलन की आलोचना करने को लेकर मई से ही उनके परिवार को सोशल मीडिया पोस्ट में धमकियां मिल रही हैं.
हरमन सिंह ने आजतक/इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि जब उनकी दो कारें लॉन में खड़ी थीं तो उन पर खालिस्तान समर्थकों ने लाल रंग फेंका. वहीं जब वह अगली सुबह इसकी शिकायत करने पुलिस के पास गए तो बदमाशों ने उनकी कार की विंडस्क्रीन ही तोड़ दी. उन्होंने कहा, "वे मेरे घर के बाहर आए और खतरे के रूप में खून का प्रतीक लाल रंग फेंक दिया. बाद में, उन्होंने मेरी कार की विंडस्क्रीन को भी तोड़ दिया. पिछले आठ महीनों में, उन्होंने (खालिस्तान समर्थकों ने) मुझ पर चार बार हमला किया है."
हरमन सिंह ने दावा किया कि खालिस्तान विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद से उन्हें हजारों जान से मारने की धमकियां मिली हैं. उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थकों ने उनकी पत्नी और बेटी को बलात्कार की धमकियां भी सोशल मीडिया पर दीं. उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे बच्चों के स्कूल का पता भी बता दिया. लेकिन पुलिस इन घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है."
बता दें कि मई में हरमन ने खालिस्तान आंदोलन की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर एक वीडियो पोस्ट किया था. उस समय, हरमन ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, "वीडियो पोस्ट करने के बाद, मुझे दो दिनों में इसके लिए दो मिलियन व्यूज मिले. लेकिन, मुझे वीडियो हटाने के लिए फोन आने लगे. मुझे धमकी मिलने लगी कि अगर वीडियो नहीं हटाई तो वे मुझे और मेरे परिवार को मार डालेंगे. मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि यूके में रहते हुए भी मुझे इस तरह की धमकियां मिलीं. हालांकि, पांच लोग आए और मेरे रेस्तरां पर हमला कर दिया.'
स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ बदसलूकी
गौरतलब है कि ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को खालिस्तानी चरमपंथियों ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में स्थित एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया. भारत ने इस घटना को 'अपमानजनक' बताते हुए ब्रिटिश सरकार को घटना की जानकारी दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. भारत ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय और पुलिस के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है. शुक्रवार को विक्रम दोरवाईस्वामी ने ग्लासगो गुरुद्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की समिति के साथ बैठक की योजना बनाई थी. हालांकि, कुछ कट्टरपंथी ब्रिटिश सिखों ने उन्हें यह कहते हुए गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया कि यहां उनका "स्वागत नहीं है".
बिना बहस किए ही परिसर से चले गए भारतीय राजदूत
लंदन में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि स्कॉटलैंड के बाहर के तीन लोगों ने दूत की यात्रा को जानबूझकर बाधित किया. उनमें से एक ने वरिष्ठ राजनयिकों के गुरुद्वारे में पहुंचने पर राजनयिक व्हीकल को हिंसक तरीके से खोलने का भी प्रयास किया. भारतीय दूत और भारत के महावाणिज्यदूत (सीजी) बिना बहस किए ही मौके से जाना ही ठीक समझा. सामने आया है कि सिख कट्टरपंथियों ने इस दौरान धमकियां दी और अपशब्दों का भी प्रयोग किया.