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टाइटन हादसे में गई पाकिस्तानी रईस शहजादा दाऊद की जान, एक जुनून ने उजाड़ दिया पूरा परिवार

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकले टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई है. इन 5 लोगों में पाकिस्तान के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद भी शामिल थे. पनडुब्बी टाइटन रविवार को समुद्र के अंदर अचानक लापता हो गई थी.

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साइंस और डिस्कवरी को लेकर जुनून ने पाकिस्तान के इस बाप-बेटे की जोड़ी की जान ले ली (फाइल फोटो)
साइंस और डिस्कवरी को लेकर जुनून ने पाकिस्तान के इस बाप-बेटे की जोड़ी की जान ले ली (फाइल फोटो)

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकली पनडुब्बी टाइटन में सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई है. पनडुब्बी ऑपरेट करने वाली कंपनी OceanGate ने गुरुवार देर रात इस बात की पुष्टि की है. OceanGate ने बयान जारी करते हुए कहा, "हमारे सीईओ स्टॉकटन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट अब हमारे बीच नहीं रहे."

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18 जून को OceanGate कंपनी की पनडुब्बी टाइटन में सवार होकर ये सभी लोग 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गहरे समुद्र में गए थे. लेकिन शुरुआती दो घंटों में ही पनडुब्बी से संपर्क टूट गया था. टाइटैनिक जहाज साल 1912 में अटलांटिक महासागर में डूब गया था. इस हादसे को अब तक का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है. इस हादसे में तकरीबन 1500 लोगों की जान चली गई थी.

शहजादा दाऊद की लाइफ और करियर

टाइटन पनडुब्बी हादसे में जिन पांच लोगों की मौत हुई है, उसमें से एक 48 वर्षीय शहजादा दाऊद भी हैं. 48 वर्षीय शहजादा दाऊद पाकिस्तान के कराची स्थित एक निवेश एवं होल्डिंग कंपनी दाऊद हरक्यूलिस के उपाध्यक्ष थे.

इसके अलावा शहजादा 'द प्रिंस ट्रस्ट' के बोर्ड सदस्य, SETI संस्थान के बोर्ड सदस्य और द दाऊद फाउंडेशन के ट्रस्टी भी थे. शहजादा दाऊद की गिनती पाकिस्तान के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक में होती थी. शहजादा यूके बेस्ड प्रिंस ट्रस्ट चैरिटी बोर्ड के भी सदस्य थे. शहजादा दाऊद का मुख्य काम नवीकरणीय ऊर्जा और प्रोद्योगिकी पर केंद्रित था.

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हुसैन दाऊद के बेटे शहजादा दाऊद 2003 में एंग्रो कॉर्पोरेशन (Engro Corp) में शामिल हुए थे. अक्टूबर 2021 में वह एंग्रो कॉर्प के उपाध्यक्ष बने थे. वर्तमान में वह दाऊद हरक्यूलिस कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे. यह कृषि, ऊर्जा और दूरसंचार क्षेत्र में काम करता है. 

इतनी संपत्ति के थे मालिक

शहजादा दाऊद ने बकिंघम यूनिवर्सिटी से एलएलबी और फिलाडेल्फिया यूनिवर्सिटी (जिसका नाम बदलकर अब थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी कर दिया गया है) से ग्लोबल टैक्सटाइल मार्केटिंग में एमएससी की पढ़ाई की थी. 2012 में उन्हें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर के रूप में चुना गया था. रिपोर्ट के अनुसार, शहजादा दाऊद की अनुमानित संपत्ति लगभग 13.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. 

शहजादा दाऊद अपने पीछे पत्नी क्रिस्टीना और बेटी एलिना को छोड़ गए है. वहीं, शहजादा दाऊद के 19 वर्षीय बेटे सुलेमान दाऊद की भी पनडुब्बी हादसे में मौत हो गई है. परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, शहजादा और सुलेमान की अनुपस्थिति उन सभी लोगों को ज्यादा महसूस होगी जिन्हें इन दोनों को जानने का सौभाग्य मिला था."

 

 साइंस और डिस्कवरी को लेकर जुनून

शहजादा दाऊद के बेटे सुलेमान के स्कूल की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "सुलेमान ग्लासगो स्थित स्ट्रैथक्लाइड यूनिवर्सिटी में एक बिजनेस स्टूडेंट था. कुछ दिन पहले ही उसने अपना फर्स्ट ईयर कंप्लीट किया था. सुलेमान को भी अपने पिता की तरह विज्ञान और फिक्शन किताबों को पढ़ने में रुचि थी. 

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शहजादा और सुलेमान के बीच एक अनोखा रिश्ता था. वे एक-दूसरे को खूब सपोर्ट करते थे. दोनों को दुनिया भर के एडवेंचर को एक्सपलोर करने का जुनून था. इसी वजह से दोनों के बीच अच्छी बॉन्डिंग थी. 

दाऊद के दोस्तों और परिवार के अनुसार, सुलेमान और शहाजादा को विज्ञान और खोज के प्रति वर्षों के जुनून ने टाइटैनिक के मलबे की खोज के लिए प्रेरित किया. शहजादा दाऊद के दोस्त और एंग्रो कॉर्पोरेशन में साथ काम करने वाले अहसेन उद्दीन सैय्यद ने NYT से बात करते हुए कहा कि ट्रैवलिंग और साइंस दोनों के डीएनए में था.

शहजादा दाऊद और उनकी पत्नी क्रिस्टीना (फोटो- ट्विटर)
                        शहजादा दाऊद और उनकी पत्नी क्रिस्टीना (फोटो- ट्विटर)

शहजादा दाऊद के परिवार ने क्या कहा?

शहजादा दाऊद की बहन अजमेह दाऊद ने NBC न्यूज से बात करते हुए कहा, "पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस के रवाना होने से पहले उन्होंने अपने भतीजे सुलेमान दाऊद से बात की थी. सुलेमान काफी डरा हुआ था. सुलेमान बस अपने पिता की खातिर मलबे देखने के लिए चला गया था. सुलेमान अपने पिता के साथ रिश्ते को और मजबूत करने के लिए उनके साथ गहरे पानी में गया था."

Cape Cod  के पूर्व में लापता हुई थी पनडुब्बी टाइटेन

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पनडुब्बी टाइटन को जहाज पोलर प्रिंस ने रविवार को समुद्र में उतारा था. लेकिन एक घंटा 45 मिनट बाद ही जहाज से उसका संपर्क टूट गया. रिपोर्ट के मुताबिक, पनडुब्बी अमेरिकी तट से 900 नॉटिकल माइल्स दूर Cape Cod  के पूर्व में लापता हुई. जिसके बाद पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस ने अमेरिकी तट रक्षक बलों को बताया गया कि उनका संपर्क पनडुब्बी से टूट गया है. इसके बाद अमेरिका ने पनडुब्बी की खोज के लिए एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया था.

सीमित मात्रा में मौजूद था खाना-पीना

टाइटन एक छोटी कैप्सूल के आकार की पनडुब्बी है जिसकी अधिकतम क्षमता पांच लोगों की है. जब यह गायब हुई उस वक्त इसमें पांच लोग सवार थे. टाइटन कार्बन फाइबर से बना हुआ है. पनडुब्बी 6.7 मीटर लंबी, 2.8 मीटर चौड़ी और 2.5 मीटर ऊंची है. इसमें 96 घंटे की ऑक्सीजन होती है. पनडुब्बी में बैठने के लिए कोई सीट नहीं है बल्कि एक सपाट फर्श है जिस पर पांच लोग बैठ सकते हैं. इस पनडुब्बी के अंदर लोगों के पैर पसारने तक की जगह नहीं होती है. अधिकारियों ने बताया है कि पनडुब्बी में सवार लोगों के पास सीमित मात्रा में खाना और पानी था.

पहली बार साल 2021 में यह टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए पानी में उतरा था. लेकिन यह प्रयास असफल रहा था. साल 2022 में टाइटन पहली बार टाइटैनिक जहाज के मलबे तक पहुंची थी.

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टाइटैनिक हादसा जिसमें 1500 लोगों की गई थी जान

टाइटैनिक हादसे को अब तक का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है. 14 अप्रैल 1912 की आधी रात को टाइटैनिक जहाज एक विशाल हिमखंड से टकराकर उत्तरी अटलांटिक महासागर में डूब गया था. जहाज में कुल 2200 लोग सवार थे जिसमें से करीब 1500 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के वक्त टाइटैनिक लगभग 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से न्यूयार्क की तरफ बढ़ रहा था. 

लगभग 15 लाख ब्रिटिश पाउंड की लागत से हार्लैंड एंड वूल्फ कंपनी ने टाइटैनिक को लगभग तीन साल में बनाया था. कंपनी ने दावा किया था कि जहाज का डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह कभी नहीं डूब सकता. लेकिन अपनी पहली यात्रा में ही टाइटैनिक डूब गया था.

 

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