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अटलांटिक महासागर में 14 अप्रैल, 1912 को डूबने वाले टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने निकली टाइटन नाम की पनडुब्बी की खोज लगातार जारी है. 18 जून को अमेरिकी कंपनी ओशनगेट की यह पनडुब्बी सफर पर निकली थी. पनडुब्बी में कई लोग सवार थे, जिनमें ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग और पाकिस्तानी टाइकून शहजादा दाऊद भी शामिल हैं.
समुद्र में चार दिन से लापता पनडुब्बी के न मिलने के बाद अब आशंका जताई जा रही है कि अब तक पनडुब्बी में मौजूद ऑक्सीजन खत्म हो गया होगा. और अगर ऐसा हुआ तो उसमें मौजूद सभी लोगों का बचना नामुकिन हो जाएगा.
पनडुब्बी को ढूंढने के लिए अमेरिकी और कनाडाई तटरक्षकों समेत कई राष्ट्रीय एजेंसियों की रेस्क्यू टीम दिन-रात सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो इस सर्च ऑपरेशन में सबसे ज्यादा दिक्कत यह आ रही है कि पानी में नीचे ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं जा पाती है, जबकि पनडुब्बी समंदर की गहराई में करीब 3 किलोमीटर नीचे थी, ऐसे में सर्च टीम को विजिब्लिटी में काफी परेशानी हो रही है.
पहुंचने से कुछ देर पहले ही टूट गया था संपर्क
समुद्र की 12,500 फीट गहराई में टाइटैनिक का मलबा देखने जाने, वहां घूमने और वापस आने तक में आठ घंटे का सफर लगता है. इसमें दो घंटे जाने में खर्च होते हैं. चार घंटे पनडुब्बी टाइटन मलबे के आसपास घूमती रहती है. जिसके बाद आने में करीब दो घंटे लग जाते हैं.
ऐसे में जब 18 जून को टाइटन सफर पर निकली तो करीब डेढ़-पौने घंटे दो के बाद उसका संपर्क कंट्रोल सिस्टम से टूट गया. यानी जिस समय पनडुब्बी का संपर्क टूटा, उस समय वह मलबे के पास तक पहुंचने वाली ही होगी. लेकिन उससे ठीक पहले बीच रास्ते ही वह अचानक लापता हो गई.
ऑक्सीजन खत्म होने से पहले भी जा सकती है टाइटन पनडुब्बी में सवार लोगों की जान, एक्सपर्ट ने जताई आशंका
हैरान करने वाली बात है कि संपर्क टूटने के करीब आठ घंटे के बाद यूएस कोस्ट गार्ड को इस बात का अलर्ट मिला. अलर्ट मिलते ही यूएस कोस्ट गार्ड ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया. अमेरिकी कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता का कहना है कि यह बचाव अभियान काफी जटिल है.
दो बार पनडुब्बी से टाइटैनिक का मलबा देखने जा चुकी हैं खुद मालिक की पत्नी
टाइटन पनडुब्बी जिस ओशिनगेट कंपनी की है, उसके मालिक और पनडुब्बी के पायलट स्टॉकटन रश की पत्नी वेंडी का टाइटैनिक जहाज से खास कनेक्शन है. वेंडी के परदादा इसिडोर और परदादी इडा स्ट्रॉस टाइटैनिक शिप की यात्रा पर बतौर फर्स्ट क्लास पैसेंजर गए थे. दोनों की इस हादसे में मौत हो गई थी.
वेंडी का यही कनेक्शन उन्हें दो बार टाइटैनिक के मलबे के पास तक ले जा चुका है. वे अपनी ही पनडुब्बी से दो बार यात्रा पर जा चुकी हैं. वेंडी की स्टॉकटन से साल 1986 में शादी हुई थी. स्टोकटन ने साल 2009 में इस कंपनी की शुरुआत की थी. वेंडी इस समय कंपनी की कम्युनिकेशन डायरेक्टर भी हैं.
इसके साथ-साथ वे कंपनी के चैरिटेबल फाउंडेशन में काफी समय से बोर्ड की सदस्य भी हैं. वहीं स्टॉकटन कंपनी के मालिक होने के साथ-साथ पनडुब्बी को भी खुद ही ऑपरेट करते हैं.
टाइटन में सवार लोगों के पास खत्म हुई ऑक्सीजन? जानें कितनी गहराई में है टाइटैनिक का मलबा
पनडुब्बी में सवार सभी लोगों के मरने की आशंका!
पनडुब्बी में सवार लोगों को चार दिन से ज्यादा का समय हो गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सीजन होता है, जो शायद अभी तक खत्म भी हो गया होगा. ऐसे में कहा जा रहा है कि अब समय बढ़ने के साथ-साथ पनडुब्बी में सवार लोगों के जिंदा बचने की उम्मीद भी खत्म होती जा रही है.
ब्रिटिश रॉयल नेवी के एक अनुभवी गोताखोर रे सिंक्लेयर का कहना है कि टाइटन पनडुब्बी में सवार लोगों की संभवत: गायब होने के कुछ घंटे बाद कार्बनडाइ-ऑक्साइड पॉइजनिंग से डरावनी मौत हो गई होगी.
एक अंग्रेजी अखबार डेली एक्सप्रेस से बात करते हुए सिंक्लेयर ने कहा कि, पनडुब्बियों के अगर कई बैटरियां लग होती हैं, जिनकी लाइफ ज्यादा समय की नहीं होती है. उन बैटरियों में सीओ2 स्क्रबर होते हैं.
जब ये बैटरियां खत्म हो जाती हैं तो पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म होने से पहले ही कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ जाता है. जिसके ज्यादा फैलने से जहर लोगों के अंदर भरने लगता है. इसके असर में धीरे-धीरे बेहोश होने लगते हैं. कई बार इसकी वजह से कुछ ही देर में मौत भी हो जाती है.