पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को इस्लामाबाद सहित 50 शहरों में मोबाइल फोन सेवाओं को बंद कर दिया. ऐसा इमाम हुसैन की शहादत के अवसर पर शिया समुदाय की ओर से निकाले जाने वाले जुलूसों पर संभावित आतंकवादी हमलों को टालने के लिए किया गया है.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि मोबाइल फोन का उपयोग आईईडी को संचालित करने में किया जाता है इसलिए इनपर रोक लगायी जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी मोबाइल फोन का उपयोग अपने आकाओं और उनसे जुड़े अन्य लोगों से बात करने के लिए भी करते हैं. मंत्रालय ने पिछले वर्ष से लेकर अभी तक ईद सहित कई मौकों पर आतंकवादी हमलों को टालने के लिए मोबाइल फोन सेवाओं को बंद किया है.
पाकिस्तान सरकार के इस कदम से मोबादल फोन उपभोक्ता और मानवाधिकार समूह काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि सरकार को आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए अन्य तरीके खोजने चाहिए, क्योंकि मोबाइल फोन सेवाएं बंद करने से लोगों को काफी असुविधा होती है.
अधिकारियों ने बताया कि 40 दिन के आसुरा के बाद इमाम हुसैन की शहादत के दिन मनाए जाने वाले ‘चेहलुम’ पर सुरक्षा योजना के तहत मोबाइल फोन सेवाएं सुबह आठ बजे से रात 11 बजे तक बंद रहेंगी. उन्होंने बताया कि पेशावर सहित कुछ शहरों में सेवाएं शाम पांच बजे से ही शुरू हो जाएंगी. मोबादल फोन सेवा, क्वेटा, पेशावर, रावलपिंडी, मुल्तान, सारगोदा, बहावलपुर, हैदाराबाद, डेरा इस्माइल खान और बानु सहित कई शहरों में बंद रहेगी. पंजाब प्रांत के 18 जिलों में, बलुचिस्तान प्रांत के नौ जिलों में और सिंध तथा खबर-पख्तूनख्वा प्रांत के छह-छह जिलों में सेवाएं बंद रहेंगी. हाल ही में आतंकवादी हमलों में मोटरसाइकिलों के उपयोग को देखते हुए देश के संवेदनशील इलाकों में मोटरसाइकिल की पिछली सीट पर बैठने की भी मनाही है.