विश्वभर में लोकतंत्र जहां इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन से जुड़ी चुनौतियों से लड़ रहा है, वहीं स्मार्ट फोन पर आधारित मतदान प्रणाली हाल के समय में बड़े स्तर पर होने वाली चुनावी प्रकिया का हिस्सा बन सकती है.
यह दावा एक शोध में किया गया है. शोधकर्ताओं की एक टीम ने स्मार्ट फोन के लिए मोबाइल मतदान प्रणाली डिजायन की है, उन्होंने मतदान के पुराने तरीकों की तुलना में इसकी उपयोगिता की जांच की है.
टेक्सास स्थित राइस यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस और मनोविज्ञान के प्राध्यापक माइकल बायरन ने कहा कि वर्तमान में मौजूद ईवीएम में उपयोगिता से लेकर पहुंच और सुरक्षा जैसे कई खामियां है, जिससे इसकी उम्र खत्म होने वाली है और अभी फिलहाल कुछ ही अच्छे और प्रमाणित विकल्प ही बाजार में उपलब्ध हैं.
हालांकि, अभी अध्ययन में स्मार्ट फोन आधारित प्रणाली और मतदान के अन्य तरीकों में उत्कृष्टता और कथित उपयोगिता को लेकर कोई भरोसेमंद अंतर देखने को नहीं मिला है. स्मार्ट फोन मालिकों ने मतदान प्रणाली में कुछ खामियों को भी स्वीकारा है.
ह्यूमन फैक्टर पत्रिका में प्रकाशित लेख में बायरन कहते हैं कि स्मार्ट फोन पर आधारित प्रणाली के इस्तेमाल के कई लाभ हैं. मोबाइल प्रणाली लोगों को उनकी सुविधा के अनुसार मतदान करने का अवसर देता है.