रूस के पीटर्सबर्ग में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर तनाव के बावजूद 40 साल में एक भी गोली नहीं चली है. उन्होंने कहा कि दुनिया पहले के मुकाबले कहीं अधिक नजदीक आ गई है और एक-दूसरे पर निर्भरता बढ़ी है. इस बदलाव ने सीमा विवाद के बावजूद भारत और चीन के लिए यह जरूरी बना दिया है कि वे व्यापार और निवेश में सहयोग करें.
मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में पैनल चर्चा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ऑस्ट्रिया और माल्दोवा के नेताओं के साथ मंच साझा किया. चीन के वन बेल्ट वन रोड परियोजना पर भारत के साथ मतभेद के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सच है कि चीन के साथ हमारा सीमा विवाद है, लेकिन पिछले 40 साल में सीमा विवाद को लेकर एक भी गोली नहीं चली. वन बेल्ट वन रोड परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है, जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है. लिहाजा भारत ने संप्रभुता के मुद्दे का हवाला देते हुए चीन की इस परियोजना को लेकर हाल ही में आयोजित शीर्ष सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया था.
अब पहले जैसा द्विध्रुवीय विश्व नहीं
मोदी ने कहा कि यह पहले जैसा द्विध्रुवीय विश्व नहीं है, जब देश या तो अमेरिका या फिर पूर्व सोवियत संघ खेमे से जुड़े थे. उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं. इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के संबंध विश्वास पर आधारित है. मोदी ने कहा कि यह आपस में जुड़ा हुआ और एक-दूसरे पर निर्भरता वाला विश्व है. लिहाजा देशों के बीच कुछ विवाद और सहयोग हो सकता है.
भारत-रूस के भावी रिश्ते पर दुनिया की नजर
पीएम ने कहा, 'पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता के बाद जारी 24 पेज की सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा भारत-रूस संबंधों का पवित्र दस्तावेज है. मैं जानता हूं कि विश्व हमारे संबंधों के भविष्य की दिशा को लेकर हर शब्द का बारीकी से परीक्षण करेगा.' चीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मतभेदों के बावजूद नई दिल्ली और बीजिंग दो वित्तीय संस्थान स्थापित करने के लिए ब्रिक्स मंच पर एक साथ आए हैं, जिनमें से चीन नीत एक संस्थान में भारत साझेदार है और एक ब्रिक्स बैंक जहां दोनों क्षेत्रीय महाशक्तियां सहयोगी हैं. मोदी ने कहा कि विश्व में पारस्परिक निर्भरता और बढ़ रही है. हम सबका साथ सबका विकास में विश्वास करते हैं. यह सिर्फ घरेलू कार्यक्रमों के लिए नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए भी है. हम विकास के लिए हर किसी को साथ लेकर चलना चाहते हैं.