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... तो खुल जाएगा मोनालिसा की मुस्कान का 'राज'

वैज्ञानिक डीएनए नमूना जुटाने को लेकर फ्लोरेंस के एक मकबरे की खुदाई कर मोनालिसा की पहचान का रहस्य सुलझाने की दिशा में और करीब पहुंच गए हैं, जिसकी मुस्कान आज भी एक पहेली बनी हुई है. मकबरे में लीजा गेरारदीनी के परिवार के सदस्य दफन हैं.

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मोनालिसा की पेंटिंग
मोनालिसा की पेंटिंग

वैज्ञानिक डीएनए नमूना जुटाने को लेकर फ्लोरेंस के एक मकबरे की खुदाई कर मोनालिसा की पहचान का रहस्य सुलझाने की दिशा में और करीब पहुंच गए हैं, जिसकी मुस्कान आज भी एक पहेली बनी हुई है. मकबरे में लीजा गेरारदीनी के परिवार के सदस्य दफन हैं.

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लीजा एक रेशम व्यापारी की पत्नी हैं. यह माना जा रहा है कि लियोनार्दो दा विंची ने लीजा को ही अपने सामने बिठा कर 16वीं सदी की मशहूर पेंटिंग बनाई थी. खबरों के मुताबिक वैज्ञानिकों ने तहखाने के ऊपरी फर्श में एक गोलाकार सुराख किया है.

मकबरे में मौजूद हड्डियों से एकत्र डीएनए के नमूने की तुलना उन तीन महिलाओं के अस्थि कंकालों से की जाएगी, जिन्हें पिछले साल पास के एक स्थान पर दफन पाया गया था. इनमें से एक अस्थि के बारे में माना जा रहा है कि यह लीजा की है.

अध्ययनककर्ताओं का मानना है कि कुछ हड्डियां कम से कम उसके रक्त संबंध रखने वाले की होगी शायद उसके बेटे पीयरो की. अध्ययनकर्ता सिलवानो विंसेटी ने कहा, ‘जब हम मां और संतान के डीएनए का मिलान कर लेंगे तब हम मोनालिसा का पता लगा लेंगे.’ उन्होंने कहा कि एक बार जब डीएनए मेल हो जाएगा फिर खोपड़ी के आधार पर लीजा के चेहरे की तस्वीर बना ली जाएगी और उसकी तुलना पेंटिंग से की जाएगी.

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गौरतलब है कि लीजा अपने पति की मौत के बाद नन बन गई थीं, उनकी 63 साल की उम्र में 15 जुलाई 1542 में मौत हो गई थी.

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