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मूडीज की नई रेटिंग से इटली-स्पेन जैसे देशों की बराबरी पर भारत, चीन अब भी आगे

मूडीज की ओर से क्रेडिट रेटिंग सुधारने जाने के बाद निवेश के माहौल को लेकर भारत ने इटली, स्पेन, बुल्गारिया और फिलीपींस जैसे देशों की बराबरी कर ली है. वैश्विक रेटिंग के मामले में अब ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में भारत सिर्फ चीन से पीछे है.

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मूडीज ने बढ़ाई भारत की रेटिंग
मूडीज ने बढ़ाई भारत की रेटिंग

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अमेरिका की रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से क्रेडिट रेटिंग सुधारने जाने के बाद निवेश के माहौल को लेकर भारत ने इटली, स्पेन, बुल्गारिया और फिलीपींस जैसे देशों की बराबरी कर ली है. वैश्विक रेटिंग के मामले में अब ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में भारत सिर्फ चीन से पीछे है.

मूडीज ने चीन को AA3 रेटिंग दी है. ब्रिक्स के अन्य देशों में रूस के पास BA1, दक्षिण अफ्रीका के पास BAA3 और ब्राजील के पास BA2 रेटिंग है.

देश की सरकार और कई अन्य विशेषज्ञ देश के मजबूत आर्थिक आधारों, राजनीतिक स्थिरता और सुधारों का हवाला देकर रेटिंग में सुधार की लंबे समय से मांग कर रहे थे. विश्व के दो अन्य शीर्ष रेटिंग संगठन फिच और एस एंड पी ने भारत को स्थिर परिदृश्य के साथ BAA2 रेटिंग दिया है.

इससे पहले मूडीज ने भारत को BAA3 रेटिंग दे रखी थी. BAA2 रेटिंग निवेश योग्य सबसे निचली श्रेणी है. एस एंड पर ने सितंबर में चीन की लंबे समय से कायम रेटिंग A+ को घटाकर AA- कर दिया था. मूडीज ने भी मई में चीन की रेटिंग A1 से कम कर AA3 कर दिया था और परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया था.

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मूडीज के इस कदम के बाद भारत अब चीन से तीन पायदान नीचे रह गया है. मूडीज का यह कदम विदेशी निवेशकों द्वारा बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था के एक और सबूत के तौर पर देखे जाने की उम्मीद है.

किसी अर्थव्यवस्था के लिए रेटिंग में सुधार आमतौर पर उसे आगे बढ़ाता है और देश में कंपनियों को कारोबार विस्तार के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे रोजगार के नए अवसरों में भी वृद्धि होती है. इसे शेयर बाजार, बांड बाजार और मुद्रा बाजार में निवेशकों द्वारा सकारात्मक देखा जा रहा है, जिससे पूंजी का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है.

देश के लोगों का मूड समझने को तैयार नहीं मूडीज और मोदीः कांग्रेस

कांग्रेस ने मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग में सुधार को देश की जमीनी सच्चाई से दूर बताते हुए कहा कि मोदी सरकार विदेशी रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट की आड़ में देश का मूड नहीं समझ पा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा कि देश में चुनावों से पहले किसी विदेशी एजेंसी की क्रेटिड रेटिंग जारी हो जाती है, लेकिन अब तक किसी भारतीय एजेंसी की कोई रेटिंग नहीं आई है, जो देश की वास्तविक आर्थिक स्थिति को उजागर कर सके.

क्या वॉशिंगटन से लड़ना चाहते हैं मोदीः कांग्रेस

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शुक्ला ने कहा कि अगर इन रेटिंग रिपोर्टों को सही मान भी लिया जाए, तो आर्थिक विकास दर और सकल घरेलू उत्पाद में लगातार गिरावट क्यों आ रही है? उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर देश की जमीनी हकीकत बहुत खराब है. मोदी बताएं कि क्या वह वॉशिंगटन से चुनाव लड़ना चाहते हैं?

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के बाद मोदी सरकार अपनी खोई साख को छुपाने के लिए इस तरह की रिपोर्टों को तिनके की तरह बटोर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी और मूडीज की जोड़ी देश के मूड को भांपने में पूरी तरह से नाकाम रही है. सुरजेवाला ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें यह याद रखना चाहिए कि मूडीज, एस एंड पी और अन्य रेटिंग एजेंसियां अमेरिका में आर्थिक मंदी से पहले हालात का अंदाजा लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई थीं.

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