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मोर्सी का कुर्सी छोड़ने से इनकार, सेना ने लगाया यात्रा प्रतिबंध

मिस्र में राजनीतिक संकट के समाधान के लिए सेना की 48 घंटे की मियाद खत्म होने के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी ने कुर्सी नहीं छोड़ने के अपने रुख पर कायम रहते हुए देश में आम सहमति की सरकार के गठन की पेशकश की.

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मिस्र में राजनीतिक संकट
मिस्र में राजनीतिक संकट

मिस्र में राजनीतिक संकट के समाधान के लिए सेना की 48 घंटे की मियाद खत्म होने के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी ने कुर्सी नहीं छोड़ने के अपने रुख पर कायम रहते हुए देश में आम सहमति की सरकार के गठन की पेशकश की. इसके बाद बुधवार को सुरक्षा बलों ने उनके खिलाफ यात्रा प्रतिबंध लगा दिया.

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हवाई अड्डा अधिकारियों ने बताया कि मोर्सी के खिलाफ एक यात्रा प्रतिबंध जारी किया गया है. राष्ट्रपति कार्यालय ने फेसबुक पर जारी एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति का खयाल है कि देश में अगले संसदीय चुनाव की निगरानी के लिए आम सहमति की सरकार का गठन किया जाए.’

मोर्सी ने राष्ट्रीय संवाद और देश के विवादास्पद संविधान के संशोधन के लिए एक समिति के गठन का आह्वान किया है. उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर बने रहने पर जोर दिया है. मिस्र के पहले लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये राष्ट्रपति मोर्सी ने कहा कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से देश का नेतृत्व करने के लिये चुने गये हैं और इस कार्य को उनका पूरा करने का इरादा है.

मंगलवार देर शाम टीवी पर दिये अपने भावुक भाषण में 61 वर्षीय मोर्सी ने आगाह करने के अंदाज में कहा कि अगर उनके पद की संवैधानिक वैधता का सम्मान नहीं किया गया तो सड़कों पर और खून बहेगा. मोर्सी ने कहा कि वह मिस्र के लिये अपना जीवन दे देंगे.

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उन्होंने कहा कि वह एक वैधानिक नेता हैं और इस्तीफा नहीं देंगे. मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बीती रात राजधानी के गिजा जिले में काहिरा विश्वविद्यालय में मोर्सी समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष में 23 लोग मारे गये और 200 अन्य घायल हो गए. मोर्सी की ओर से सेना के अल्टीमेटम को खारिज करने के कुछ घंटे बाद सेना ने देश की जनता को भरोसा दिया, ‘वह किसी आतंकवादी, कट्टरपंथी अथवा अज्ञानी से मिस्र की रक्षा करने के लिए अपना खून बहा देगी.’

सेना ने ‘फाइनल आवर्स’ नामक शीषर्क वाले बयान में कहा, ‘सैन्य बलों के कमांडरों ने कहा है कि मिस्र के लोगों को आतंकित होने देने के मुकाबले जान देना हमारे के लिए अधिक सम्मानजनक रहेगा. हम कसम खाते हैं कि आतंकवादियों, कट्टरपंथियों और अज्ञानी संगठनों के खिलाफ मिस्र तथा अपने लोगों के लिए खुद को कुर्बान कर देंगे.’ मुस्लिम ब्रदरहुड के वरिष्ठ पदाधिकारी ने एक भड़काउ बयान में कहा था कि मिस्र के लोगों को तख्तापलट रोकने के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार रहना चाहिए.

मिस्र में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने तमरोद (विद्रोही) आंदोलन के बैनर तले सड़कों पर प्रदर्शन किया. इन प्रदर्शनकारियों ने मोर्सी को हटाने के लिये हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है. उधर, इस प्रदर्शन के विरोध में हजारों लोगों ने मंगलवार को सड़क पर उतर कर मोर्सी का समर्थन किया जिन्होंने अपने पद पर एक साल पूरा किया है. उधर, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय नागरिकों को मिस्र का दौरा नहीं करने को लेकर कोई परामर्श जारी नहीं किया गया है, हालांकि, भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे उन स्थानों पर जाने से बचें जहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

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