रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक आदेश जारी किया. इस आदेश के अनुसार रूस अपने यहां अमेरिकी संपत्तियों की पहचान करेगा और उनका इस्तेमाल अमेरिका में जब्त की गई रूसी संपत्तियों से होने वाले नुकसान के मुआवजे के रूप में किया जाएगा.
पुतिन की ओर से गुरुवार को साइन किए गए आदेश में कहा गया है कि एक रूसी संस्था रूसी अदालत से यह निर्धारित करने के लिए कह सकती है कि क्या उसकी संपत्ति अनुचित तरीके से जब्त की गई है और मुआवजे की मांग कर सकती है. इसके बाद अदालत रूस में अमेरिकी संपत्ति को मुआवजे के रूप में ट्रांसफर करने का आदेश देगी.
रूसी संपत्तियों का सर्वोत्तम इस्तेमाल कैसे किया जाए
डिक्री में रूसी कंपनियों में हिस्सेदारी, रियल एस्टेट, चल संपत्ति जैसी संपत्तियों को शामिल किया गया है. जी7 वार्ताकार कई हफ्तों से इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि प्रमुख मुद्राओं और सरकारी बांड जैसी करीब 300 बिलियन डॉलर की रूसी वित्तीय संपत्तियों का सर्वोत्तम इस्तेमाल कैसे किया जाए, जिन्हें फरवरी 2022 में मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद फ्रीज कर दिया गया था.
निजी निवेशकों की नकदी के पीछे जा सकता है रूस
अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों ने इस महीने रॉयटर्स को बताया कि अगर पश्चिमी नेता रूस की संपत्तियों को जब्त करते हैं तो घटते विदेशी निवेश के कारण उसकी जवाबी कार्रवाई की क्षमता खत्म हो गई है लेकिन इसके बजाय वह निजी निवेशकों की नकदी के पीछे जा सकता है.
रूस ने शुरू किया टैक्टिकल परमाणु हथियारों के साथ सैन्याभ्यास
रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू हुए दो साल से ज्यादा हो गए हैं. युद्ध की विभीषिका बहुत भीषण है लेकिन ना तो रूस पीछे हटने को तैयार है और ना ही यूक्रेन हथियार डालने को रजामंद हैं. इस बीच खबर है कि रूस की सेनाओं ने टैक्टिकल परमाणु हथियारों के साथ सैन्याभ्यास शुरू कर दिया है.
वॉर्निंग सिग्नल के तौर पर डिजाइन किया गया सैन्याभ्यास
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन की सीमा के पास टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के साथ सैन्याभ्यास का आदेश दिया था. सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस सैन्याभ्यास को पुतिन की वॉर्निंग के सिग्नल के तौर पर डिजाइन किया गया है. इसे इस तरह से देख सकते हैं कि पुतिन ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि वे यूक्रेन के साथ उसके युद्ध में अब अधिक हस्तक्षेप नहीं करें. दरअसल पश्चिमी देश रूस के साथ यूक्रेन के युद्ध में उसे हथियार और अन्य सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.
रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस सैन्याभ्यास के पहले चरण में इस्कंदर और किंजल मिसाइलों को टेस्ट किया जाएगा. इस सैन्याभ्यास ने एक बार फिर से परमाणु हमले को लेकर सभी की चिंताओं को सामने ला दिया है.