Mpox नाम के वायरस ने पूरी दुनिया में एक बार फिर से टेंशन बढ़ा दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को ऐलान किया कि अफ्रीका में एमपॉक्स (Mpox) का बढ़ता दायरा एक ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी है. इस साथ ही संगठन ने चेतावनी दी है कि यह वायरस अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार भी फैल सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक यह वायरस कुल 116 देशों प्रभावित कर चुका है, जिसे 'acute' ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में बताया गया है. WHO ने बताया, "इस साल अफ्रीका में 14 हजार से ज्यादा केस रिपोर्ट किए गए और 524 मौतें हुई हैं, जो पिछले साल के आंकड़ों से ज्यादा है.
2022 में Mpox की शुरुआत के बाद से, इसका प्रकोप जारी है. हाल ही में वैश्विक स्तर पर मामलों में उछाल दर्ज किया गया है. यह पश्चिमी, मध्य और पूर्वी अफ्रीकी देशों में फैल रहा है, साथ ही अमेरिका और यूरोप में भी मामले सामने आ रहे हैं.
Mpox क्या है?
एमपॉक्स (Mpox) को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. यह वायरस की वजह से होने वाली एक वायरल बीमारी है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस (Orthopoxvirus genus) से संबंधित है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में डेनमार्क में बंदरों में हुई थी, इसलिए इसका मूल नाम बंदरों से जुड़ा है.
यह दुर्लभ जूनोटिक बीमारी (जानवरों से मनुष्यों में आने वाली) पॉक्सविरिडे (Poxviridae) फैमिली से उत्पन्न होती है, जिसका वायरस चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य जैसी अन्य बीमारियों का भी कारण बनता है.
Mpox के क्या लक्षण हैं?
Mpox में चेचक जैसे लक्षण होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और एक अलग तरह के दाने शामिल हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं. यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित पदार्थों के सीधे संपर्क के जरिए मनुष्यों में फैलता है और यह सांस की बूंदों या छूने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है.
एमपॉक्स के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रहते हैं. Mpox आमतौर पर हल्का और दुर्लभ मामलों में घातक होता है. इससे फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर मवाद से भरे घाव भी हो जाते हैं.
ज्यादातर लोगों को हल्के लक्षण महसूस होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में बीमारी ज्यादा गंभीर हो सकती है, जिसके लिए मेडिकल देखभाल की जरूरत होती है. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर प्रतिरक्षा (रोगों से लड़ने की क्षमता) वाले लोगों में आमतौर पर वायरस के संक्रमण का जोखिम ज्यादा होता है.
2024 में अफ्रीका में मिले 17000 केस
इस हफ्ते की शुरुआत में, अफ्रीका की टॉप पब्लिक हेल्थ बॉडी ने चेतावनी के बाद एमपॉक्स को महाद्वीप के लिए इमरजेंसी घोषित कर दिया था. चेतावनी में कहा गया कि संक्रमण 'खतरनाक दर' से फैल रहा है. अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि इस साल अब तक अफ्रीकी महाद्वीप पर 17,000 से ज्यादा संदिग्ध एमपॉक्स मामले और 517 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल की तुलना में मामलों में 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी है. कुल 13 देशों में मामले सामने आए हैं.
2022 में भी फैला था वायरस
एमपॉक्स वायरस का एक वेरिएंट- क्लैड आईआईबी- 2022 में दुनियाभर में फैला था, मुख्य रूप से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों के बीच यौन संपर्क के माध्यम से. तब WHO ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी, जो करीब 10 महीने बाद खत्म हुई थी.