रूस के सैनिक और उनके हमले तो यूक्रेन के सैनिकों के लिए मुसीबत है ही. इसके अलावा अब फ्रंट लाइन पर सबसे बड़ा दुश्मन बन रहा है कीचड़. गीली और सरकती हुई दलदली मिट्टी. जंग के लिए रूसी सैनिकों पर छिपकर हमला करने के लिए बनाए गए खंदक (Trench) अब कीचड़ से भर गए हैं. इनमें लगातार बैठकर रूसी सैनिकों, जहाजों, टैंकों और ड्रोन्स पर नजर रखना यूक्रेनी सैनिकों के लिए मुसीबत भरा काम हो रहा है.
डोनबास के पेट्रो, यानी रूसी सीमा से सटा हुआ इलाका. यहां पर यूक्रेनी सैनिकों को जान का खतरा सबसे ज्यादा है. ट्रेंच में पानी भरा है. उन्हें बाल्टियों से खाली करने में जान का खतरा है. लेकिन वो ये काम कर रहे हैं. बाल्टियों से पानी निकालने के चक्कर में वो कई बार दुश्मन की राइफलों और हथियारों के निशाने पर आ जाते हैं. एक सैनिक ने बताया कि स्थिति कठिन है लेकिन हम छिपते-छिपाते ये काम कर रहे हैं. नहीं तो फ्रॉस्ट से बीमार पड़ जाएंगे.
अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर न छोड़ने के लिए तैयार 35 वर्षीय यूक्रेनी सैनिक ने कहा कि ये एक मुसीबत है, पर हम अपने पोस्ट को छोड़ नहीं सकते. फ्रंट लाइन के आसपास लगातार बारिश हो रही है. तापमान नीचे गिर रहा है. सिर्फ यूक्रेन की हालत ऐसी नहीं है, सीमा उस पार रूस के सैनिकों को भी यही दिक्कत झेलनी पड़ रही है. रूस-यूक्रेन का युद्ध 10वें महीने में पहुंच गया है. अब यहां सर्दियां आ रही हैं. सर्दियों से पहले यहां बारिश होती है.
Ukrainian soldiers face a new adversary: muddy trenches https://t.co/uzPW6pJzlO pic.twitter.com/Y1SiKUF1Yd
— Reuters (@Reuters) November 29, 2022
पिछले महीने यूक्रेन ने खेरसोन शहर को वापस अपने कब्जे में ले लिया. अब यूक्रेन की सरकार चाहती है कि वो युद्ध के मैदान में रूस पर अपनी पकड़ बनाए रखे. लेकिन खराब मौसम की वजह से सैनिक परेशान हो रहे हैं. डोनबास में यूक्रेनी सैनिक कीचड़ और ठंडे पानी से भरे खंदकों में रहने को मजबूर हैं. पानी निकालते हैं. लेकिन बारिश की वजह से फिर पानी जमा हो जाता है. कीचड़ बनने से यूक्रेनी टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के ट्रैक बन जाते हैं. जिसकी वजह से रूसी फाइटर जेट या ड्रोन उन पर हमला कर सकते हैं.
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेस्की रेजनिकोव ने कहा था कि अब जो मौसम आ रहा है, उसमें रूस और यूक्रेन दोनों के सैनिकों को थोड़ा आराम करने को मिल सकता है. सर्दियों में सारी गतिविधियां धीमी हो जाती हैं. ये दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद है. हालांकि कुछ मिलिट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूक्रेन अपने गढ़ों को और मजबूत बनाएगा. रूस के कब्जे में पड़े इलाकों को वापस छुड़ाने का प्रयास करेगा.
लंदन स्थित रॉयल यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट के रक्षा एक्सपर्ट जैक वैटलिंग कहते हैं कि सर्दियों का मौसम यूक्रेनी सैनिकों के लिए फायदेमंद होगा. क्योंकि यूक्रेन के जो इलाके हैं, वो सर्दियों में ज्यादा सूखे रहते हैं. गर्म रहते हैं. सैनिकों के पास कपड़े भी ढंग के हैं. लेकिन रूस के जो नए सैनिक इस इलाके में जंग के लिए आए हैं, वो इस मौसम में सर्वाइव कर नहीं पाएंगे. वो ज्यादा देर तक जंग के मैदान में टिकेंगे नहीं.