इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद पड़ोसी देश की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई हमले का केस निपटाने में तेजी दिखाई है. बुधवार को अदालत ने पांच गवाहों को समन जारी किए. इन्हें 22 अप्रैल को कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराने होंगे. मामले में जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य लोग आरोपी हैं.
आतंकरोधी कोर्ट के जज सोहेल अकबर ने रावलपिंडी की आदिला जेल में मामले की सुनवाई की. इसी जेल में सभी छह आरोपी बंद हैं. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल को निचली अदालत को दो महीने के अंदर मामले की सुनवाई पूरा करने को कहा था. साथ ही चेतावनी दी थी कि मध्य जून तक ऐसा नहीं होता है तो लखवी की जमानत रद्द कर दी जाएगी.
उधर सरकार ने अभियोजन टीम को मजबूत बनाने के लिए एक और वकील की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की. अभियोजन टीम में अब चार वकील हो गए हैं. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मामले में मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के लिए दो महीने की समय-सीमा तय की है.
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, 'इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश को भी निचली अदालत में पेश किया गया.' उन्होंने बताया कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा को लेकर ट्रायल कोर्ट ने तत्परता दिखाई.