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26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भारत को झटका लगा है. अमेरिकी अदालत ने और दस्तावेज मांगे हैं. तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिस पर मुंबई आतंकी हमले का आरोप है. 2008 में हुई घटना में करीब 160 लोग मारे गए थे. अगस्त 2018 में तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी के लिए भारत ने वारंट जारी किया था.
मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चुलजियान ने गुरुवार को बचाव पक्ष के वकीलों और अभियोजकों को 15 जुलाई तक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने का आदेश दिया है. तब तक राणा संघीय हिरासत में रहेगा. भारतीय अधिकारियों का आरोप है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमले की साजिश रची थी.
हेडली और राणा ने पाकिस्तान के मिलिट्री हाई स्कूल में एक साथ पढ़ाई की थी. अभियोजकों का कहना है कि शिकागो में राणा के आव्रजन कानून केंद्र के साथ-साथ मुंबई में एक उपग्रह कार्यालय को कथित तौर पर 2006 और 2008 के बीच आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक मोर्चे के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
राणा के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को हेडली की आतंकवाद की साजिश की जानकारी नहीं थी और वह केवल अपने बचपन के दोस्त की मदद करने और मुंबई में एक व्यावसायिक कार्यालय स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि हेडली एक सीरियल झूठा है जिसने कई आपराधिक मामलों में अमेरिकी सरकार को कई बार धोखा दिया है.
तहव्वुर राणा के वकील ने कहा कि हेडली की गवाही को विश्वसनीय नहीं माना जाना चाहिए. वकीलों ने आरोप लगाया कि हेडली ने राणा की जानकारी के बिना अपने आतंकवाद के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए राणा का इस्तेमाल किया था. सुनवाई में राणा की दो बेटियां मौजूद थी. उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर आतंकवादी डेविड हेडली 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था. उसने अपना गुनाह कबूल किया और सरकारी गवाह बन गया. मुंबई हमले के गुनाह को लेकर वह अमेरिका में 35 साल कैद की सजा काट रहा है.