मुंबई पर हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी जेल में ऐश की जिंदगी जी रहा है. वह जेल में इंटरनेट और मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहा है और उसे जेल में किसे से भी मिलने की आजादी है. जबकि पाकिस्तान दावा करता रहा है कि वह आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहा है.
'बीबीसी उर्दू' ने खबर दी है कि पाकिस्तान के कुख्यात कैदियों में एक 55 वर्षीय लखवी रावलपिंडी में हाई सिक्योरिटी वाली अडियाला जेल में रह रहा है. लखवी और छह अन्य अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जामिल अहमद और युनूस अंजुम को 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए भयंकर आतंकवादी हमले के आरोपी हैं. इस हमले में 166 लोगों मारे गए थे.
' बीबीसी उर्दू' के मुताबिक ऐसे गंभीर आरोपों के बाद भी लखवी और उसके सह-साजिशकर्ताओं को जेलर के कार्यालय के नजदीक ही कई कमरे मिले हुए हैं. 'बीबीसी उर्दू' ने जेल अधिकारियों के हवाले से कहा, उन्हें जेलर से टेलीविजन, मोबाइल फोन रखने और इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल करने की इजाजत मिली हुई है और दर्जनों लोग उनसे मिलने आ सकते हैं.
एक जेल अधिकारी ने कहा कि लखवी सातों दिन कभी भी कितने ही लोगों से मिल सकता है. उसे किसी विशेष इजाजत की जरूरत नहीं होती और उससे मिलने आने वालों को जेल अधिकारियों के सामने अपनी पहचान भी नहीं बतानी होती.
-इनपुट भाषा से