डॉ. पंकज चतुर्वेदी मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में कैंसर सर्जन हैं. उन्होंने भारत में तंबाकू के इस्तेमाल और तंबाकू जनित बीमारियों के खिलाफ अभियान में कुशल नेतृत्व के लिए प्रतिष्ठित अमेरिकी पुरस्कार जीता है.
'दि कैंपेन फॉर टोबैको-फ्री किड्स' संगठन ने 'जुडी विल्केनफेल्ड अवार्ड' गुरुवार को डॉ. चतुर्वेदी को प्रदान किया. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू नियंत्रण की कोशिशों, जागरुकता अभियानों के लिए यह पुरस्कार सालाना दिया जाता है.
तंबाकू से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम 'टोबैको फ्री किड्स' की संस्थापक जूडी विल्केनफेल्ड की याद में 'विल्केनफेल्ड अवार्ड' की स्थापना हुई. जूडी की मई 2007 में मृत्यु हो गई थी.
पुरस्कार ग्रहण करते हुए चतुर्वेदी ने कहा, 'हम भारत में इस दिशा में काफी प्रगति देख रहे हैं और मैं वैश्विक समुदाय के लिए भी एक नजीर के रूप में कार्य करने की उम्मीद करता हूं.'
पुरस्कार विजेता डॉ.चतुर्वेदी ने कहा, 'अनेक तंबाकू पीड़ितों की आवाज दुनिया को जरूर सुननी चाहिए और मैं जानता हूं कि तंबाकू के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सफलता संभव है.'
'कैंपेन फॉर टोबैको फ्री किड्स' के प्रमुख मैथ्यू एल. मेयर्स ने कहा, 'डॉ.चतुर्वेदी ने न केवल भारत में इस दिशा में अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तंबाकू के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक उदाहरण पेश किया है.'
सिर और गले के कैंसर सर्जन के रूप में डॉ. चतुर्वेदी तंबाकू के कारण होने वाले कैंसर से पीड़ित मरीजों को बीमारी से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
चतुर्वेदी मानते हैं कि तंबाकू के प्रति सार्थक जागरुकता तब तक नहीं आ सकती है जब तक कि लोगों के सामने इससे जुड़ी भयावह सच्चाईयां और आंकड़े न लाए जाएं.
इसीलिए चतुर्वेदी ने 'वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स कैंपेन' शुरू किया. इस क्रांतिकारी अभियान ने तंबाकू सेवन से पीड़ित मरीजों को प्रोत्साहित करने के साथ, डॉक्टरों को भारतीय नेताओं से तंबाकू नियंत्रण से संबंधित कठोर कानून बनाने और लागू करने की मांग करने के लिए प्रेरित किया है.