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गिरफ्तार हुए मुशर्रफ, पुलिस मुख्यालय ले जाए गए

कभी पाकिस्तान पर अपनी हुकूमत करने वाले परवेज मुशर्रफ को शुक्रवार को उस वक्त अपने ही देश की राजधानी में जिल्लत का सामना करना पड़ा, जब पुलिस ने उन्हें अदालती आदेश के मुताबिक गिरफ्तार किया और फिर पुलिस मुख्यालय में ले जाकर बंद कर दिया.

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कभी पाकिस्तान पर अपनी हुकूमत करने वाले परवेज मुशर्रफ को शुक्रवार को उस वक्त अपने ही देश की राजधानी में जिल्लत का सामना करना पड़ा, जब पुलिस ने उन्हें अदालती आदेश के मुताबिक गिरफ्तार किया और फिर पुलिस मुख्यालय में ले जाकर बंद कर दिया.

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सियासत में अपन सिक्का जमाने का अरमान सहेजकर करीब चार साल के बाद पाकिस्तान लौटे 69 वर्षीय मुशर्रफ को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित उनके आलीशान फार्महाउस से पुलिस ने गिरफ्तार किया. एक दिन पहले ही अदालत ने जब उनकी अग्रिम जमानत रद्द की थी तो गिरफ्तारी से बचने के लिए वह नाटकीय तरीके से अदालत परिसर से निकल भागे थे.

पाकिस्तान में 2007 में आपातकाल लगाने के मामले को लेकर गिरफ्तार करने के बाद पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ को शुक्रवार को ट्रांजिट रिमांड की शर्तों को पूरा करने के लिए उनके फार्महाउस से पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. मुशर्रफ (69) को स्थानीय समयानुसार दिन में दो बजे उनके फार्महाउस से यहां सेक्टर एफ-11 स्थित पुलिस मुख्यालय ले जाया गया.

अधिकारियों का कहना है कि यह कदम जरूरी था क्योंकि एक न्यायिक अधिकारी ने सुबह गिरफ्तारी के बाद मुशर्रफ को ट्रांजिट रिमांड पर भेजा था. कानूनों के मुताबिक ट्रांजिट रिमांड का मतलब आरोपी को एक अदालत से दूसरे दूसरी अदालत में स्थानांतरित करना है और आरोपी को अदालत में पेश किए जाने तक थाने में रखना आवश्यक है.

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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुशर्रफ के जीवन को खतरे के मद्देनजर उन्हें किसी थाने में रखना सुरक्षित नहीं है. मजिस्ट्रेट ने मुशर्रफ को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेजा और पुलिस को आदेश दिया कि वह न्यायिक हिरासत के लिए आतंकवाद निरोधी अदालत से संपर्क करे. इस्लामाबाद से सबसे नजदीक आतंकवाद निरोधी अदालत रावलपिंडी में है और पुलिस शुक्रवार को वहां संपर्क नहीं कर सकी.

माना जा रहा है कि मुशर्रफ को शनिवार को आतंकवाद निरोधी अदालत में पेश किया जा सकता है. कानून मंत्रालय ने इस्लामाबाद में आतंकवाद निरोधी अदालत स्थापित करने के लिए अधिसूचना जारी की है. सूत्रों ने बताया कि मुशर्रफ को आतंकवाद निरोधी अदालत में पेश किए जाने के बाद उनके फार्महाउस को ‘उप जेल’ घोषित करने का कदम उठाया जा सकता है ताकि उन्हें वहां हिरासत में रखा जा सके.

पुलिस ने मुशर्रफ के फार्महाउस जाकर उनसे 2007 में 60 से अधिक न्यायाधीशों को नज़रबंद रखने के मामले में पूछताछ की. पुलिस अधीक्षक सरदार सदाकत अली खान के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पुलिस दल इस्लामाबाद के बाहरी हिस्से में चक शहजाद स्थित मुशर्रफ के फार्म हाउस में पूर्वाह्न 11 बजे पहुंचा. पुलिस दल ने मुशर्रफ के खिलाफ लगाए गए इन आरोपों के बारे में उनकी प्रतिक्रिया और बयान दर्ज किए. इसी मामले में मुशर्रफ को सुबह गिरफ्तार किया गया था.

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उधर, मुशर्रफ ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए संदेश में लिखा कि उच्च न्यायालय का उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश ‘अनावश्यक’ था. पुलिस ने मुशर्रफ को न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि ऐसा करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है क्योंकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि पूर्व सैन्य शासक के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अदालत में मामला चलेगा.

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