पाकिस्तान के घोटकी में मुस्लिम समुदाय के लोग अब खुलकर हिंदू समुदाय के समर्थन में आ गए हैं. मुस्लिमों ने मंदिर में रात बिताई, ताकि दोबारा वहां भीड़ हमला न कर दे. मुस्लिम समुदाय के लोग तोड़े गए हिंदू मंदिर में आकर दुख जता रहे हैं. घोटकी के स्थानीय लोगों ने कहा कि हिंदू समुदाय अतिवादी मानसिकता के लोगों के शिकार हैं.
रविवार को सिंध प्रांत के घोटकी इलाके में एक स्कूल के हिंदू प्रिंसिपल पर ईशनिंदा के कथित मामले के बाद गुस्साई भीड़ सड़कों पर उतर आई. उसने हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और प्रिंसिपल पर हमला कर दिया. सिंध पब्लिक स्कूल के हिंदू प्रिंसिपल पर एक नाबालिग छात्र ने ईशनिंदा के आरोप लगाए थे.
घोटकी में एक स्थानीय मुस्लिम ने कहा, 'हम यहां अपने हिंदू भाई-बहनों के समर्थन में आए हैं. हम यहां परिवार की तरह रहते हैं और कोई असामाजिक तत्व हमारे रिश्तों को खराब नहीं कर सकते. हम यहीं रहकर मंदिर और हिंदू समुदाय की अतिवादियों के हमले से रक्षा करेंगे.' उन्होंने कहा, 'ये अतिवादी हमले इस्लाम या मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व नहीं करते. हमारा धर्म सभी धर्मों को स्वतंत्रता देता है और हमारा भी यही मानना है.'
A Hindu principal in Ghotki, Sindh has purportedly been accused of committing blasphemy by extremists, who have vandalised his school. Hindu community in the area is in danger. They must be provided with protection immediately! Video & report via Shankar Meghwar pic.twitter.com/Xctf04brli
— Bilal Farooqi (@bilalfqi) September 15, 2019
हिंदू प्रिंसिपल पर हमले और दंगे के मामले में पुलिस ने सोमवार को 218 लोगों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए. छात्र के पिता अब्दुल अजीज राजपूत ने प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद इलाके में बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने की मांग की थी.
पहले मामले में 45 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसमें 22 नामजद और 23 अज्ञात हैं. इन पर मारपीट, मंदिर में तोड़फोड़, दंगा भड़काने जैसे आरोप हैं. दूसरे मामले में 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें 23 नामजद और 123 अज्ञात हैं. इसमें सड़कों पर उग्र प्रदर्शन करने वाले शामिल हैं. तीसरे मामले में 23 लोग हैं, जिसमें 11 अज्ञात शामिल हैं. इस एफआईआर में वो लोग हैं, जो शाही बाजार में कई दुकानों में चोरी की थी.