पाकिस्तान की एक अदालत ने शनिवार को मुल्तान स्थित विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर जुनैद हफीज को ईशनिंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, मुल्तान के बहाउद्दीन जकारिया विश्वविद्यालय (बीजेडयू) में अंग्रेजी साहित्य विभाग में पूर्व अतिथि लेक्चरर जुनैद हफीज को ईशनिंदा के आरोप में 13 मार्च, 2013 में गिरफ्तार किया गया था.
इस मामले में ट्रायल 2014 में शुरू हुआ. इस साल की शुरुआत में लेक्चरर के अभिभावक ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश असिफ सईद खोसा से बेटे के मामले में दखल देने के लिए कहा था. उनका कहना था कि उनके बेटे को बीते छह सालों से ईशनिंदा के झूठे आरोप में मुल्तान की सेंट्रल जेल में कैद कर रखा गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश काशिफ कय्यूम ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी के तहत हफीज को मौत की सजा सुनाई और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
हफीज के वकील राशिद रहमान की 2014 में उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले पर पाकिस्तान में काफी बवाल हुआ और अब फैसला आने के बाद कई बुद्धिजीवियों ने इसकी निंदा की है. इस मामले को लेकर अनावश्यक देरी का आरोप है और इसे देख रहे कई जजों का ट्रांसफर हो गया.
Junaid’s first lawyer Mr. Rashid Rehman was shot to death on 8th May, 2014, in his office after armed men carrying automatic weapons broke into his office. His defense team was never provided a security deapite Mr Rehman publicly spoke about threats. #JusticeForJunaidHafeez pic.twitter.com/YQFyVHc8OU
— Nighat Dad (@nighatdad) December 21, 2019
हफीज के जेल में बंद रहने के दौरान करीब नौ न्यायाधीशों का तबादला हो चुका है. ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद ही संवेदनशील विषय है, जहां कुरान या पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने पर आजीवन कारावास या मौत की सजा हो सकती है. इसके अलावा ईशनिंदा के आरोपों के बाद कई बार भीड़ भी आरोपी को निशाना बनाकर हमले करती रही है.
बताते हैं कि 1990 के बाद से ईशनिंदा के आरोपों में कम से कम 75 लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में ईशनिंदा के आरोपी, अदालत से बरी हुए लोग, उनके वकील, परिवार के सदस्य और उनके मामलों से जुड़े जज शामिल हैं. बहरहाल, पाकिस्तान में ईशनिंदा की वजह से मौत की सजा का यह दूसरा मामला है. इससे पहले पाक की कोर्ट ने नवंबर 2018 में ईशनिंदा की आरोपी आसिया बीबी को रिहा किया था.