म्यांमार में शुक्रवार को भूकंप के जोरदार झटकों से धरती कांप उठी. ये झटके इतने जबरदस्त थे कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इन्हें महसूस किया गया. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.7 रही.
भूकंप का केंद्र म्यांमार का Sagaing रहा. भूकंप के झटकों की वजह से म्यांमार के मांडलेय में इरावडी नदी पर कथित तौर पर लोकप्रिय एवा ब्रिज (Ava Bridge) ढह गया. कहा जा रहा है कि चीन और ताइवान के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
भूकंप से जुड़े अपडेट यहां पढ़ें:-
- भूकंप के बाद म्यांमार की राजधानी नेपीथा का मेन हाईवे पूरी तरह से उखड़ गया है.
- भूकंप की वजह से बैंकॉक पूरी तरह से लॉकडाउन है. मेट्रो सेवाएं रोक दी गई हैं. शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी थम गई है. एयरपोर्ट और सबवे बंद कर दिए गए हैं.
- थाईलैंड में भूकंप से एक शख्स की मौत हो गई है जबकि 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
- बैंकॉक में जो निर्माणाधीन इमारत जमींदोज हुई है, उसमें कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है.
-म्यांमार के मांडलेय शहर में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. यहां शहर के कई मंदिर और बौद्ध स्थल टूट गए हैं.
- बांग्लादेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. यहां रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7.3 रही. ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, इससे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप बाद की स्थिति पर चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं. भारत हरसंभव सहायता के लिए तैयार है. हमने इस संबंध में प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के संपर्क में रहे. सभी के सुरक्षित होने की कामना की.
- थाईलैंड के एयरपोर्ट पर लॉकडाउन, उड़ानें रद्द
- थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने भूकंप के बाद बैंकॉक में इमरजेंसी लगा दी है.
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- थाईलैंड और म्यांमार के कई शहरों में इमारतें ढह गई हैं.
- बैंकॉक में टावर जमींदोज हो गया है जबकि दर्जनों लोग लापता हैं.
- USGS का कहना है कि हजारों लोगों के मरने की आशंका है.
- मेघालय के गारो हिल्स में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया.
- सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें गगनचुंबी इमारतों को भूकंप के झटकों की वजह से हिलते देखा जा सकता है. कई इमारतें झुक गई हैं.
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपिसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
- 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है.
- 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
- 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
- 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
- 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
- 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
- 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
- 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
- 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.