
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चल रहा है. भारत भी 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत म्यांमार को सहायता प्रदान कर रहा है. भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री, 50 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार के यांगून बंदरगाह सोमवार देर रात पहुंचे. म्यांमार में भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने मंगलवार की सुबह सामग्री को म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया है.
म्यांमार को भारत की सहायता
29 मार्च को ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत INS सतपुड़ा और सावित्री से म्यांमार राहत सामग्री भेजी गई थी. जो कि अब म्यांमार पहुंच चुका है. इस सामग्री से भूकंप पीड़ितों की सहायता की जाएगी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया है कि भारतीय नौसेना के दो जहाज सामग्री लेकर म्यांमार पहुंच गए हैं.
राहत मिशन में सक्रिय हुई भारतीय नौसेना और वायुसेना
भूकंप पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना सक्रिय हैं. म्यांमार में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि यांगून, नेपीडॉ और मांडले तक बड़े पैमाने पर राहत सहायता पहुंचाई गई. इसके लिए भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और भारतीय वायुसेना के छह विमानों का इस्तेमाल किया गया.
भारत की फर्स्ट रिस्पॉन्डर भूमिका
भारत ने 29 मार्च को म्यांमार में भूकंप पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा की शुरुआत की थी. जिसके बाद भारतीय वायुसेना और नौसेना लगाता राहत सामग्री म्यांमार पहुंचा रही है. भारतीय नौसेना ने अब तक 15 टन राहत सामग्री म्यांमार पहुंचाई है. जिसमें हाइजीन किट, जनरेटर, दवाईयां, टेंट, खाने का सामान कंबल, स्लीपिंग बैग और जरूरी चीजें शामिल हैं.
म्यांमार में आया विनाशकारी भूकंप
म्यांमार में 29 मार्च को 7.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था. इसका केंद्र मांडले के निकट सागाइंग क्षेत्र रहा. भूकंप के झटके म्यांमार, थाईलैंड, चीन, भारत में महसूस किए गए. लेकिन, सबसे ज्यादा प्रभावित म्यांमार रहा. अब तक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कई इमारतें और पुल ढह गए हैं. हजारों लोग के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है. अंतरराष्ट्रीय राहत दल म्यांमार में सक्रिय है.